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This Article is From Apr 08, 2022

Navratri Kanya Pujan 2022: अष्टमी-नवमी पर करें कन्या पूजन, यहां जानें कन्या भोज में बनाई जाने वाली खास रेसिपीज

Navratri Kanya Pujan 2022: नौ दिनों त​क चलने वाले इस पर्व की समाप्ति कन्या पूजन के साथ होती है. नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के दिनों को बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है.

Navratri Kanya Pujan 2022: अष्टमी-नवमी पर करें कन्या पूजन, यहां जानें कन्या भोज में बनाई जाने वाली खास रेसिपीज
Navratri Kanya Pujan: नौ दिनों त​क चलने वाले इस पर्व की समाप्ति कन्या पूजन के साथ होती है.
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भक्त माता की नौ दिनों व्रत रख कर पूजा आराधना करते हैं.
नवरात्रि में अष्टमी और नवमी का विशेष महत्व होता है.
कन्या पूजन में कन्याओं को विशेष तौर पर खीर, पूड़ी हलवा आदि परोसा जाता है.

Chaitra Navratri Kanya Pujan 2022:  नौ दिनों त​क चलने वाले इस पर्व की समाप्ति कन्या पूजन के साथ होती है. नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के दिनों को बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है. भक्त माता की नौ दिनों व्रत रख कर पूजा आराधना करते हैं. अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन भी किया जाता है. जिसका बड़ा महत्व बताया गया है. इस दिन 10 साल से कम उम्र की कन्याओं (Kanya Pujan 2022) को देवी मानकर उनकी पूजा की जाती है. नौ देवियों के प्रतिबिंब के रूप में कन्या पूजन के बाद ही भक्तों के नवरात्र व्रत संपन्न माने जाते हैं. कन्या पूजन में कन्याओं को विशेष तौर पर खीर, पूड़ी हलवा आदि परोसा जाता है. 

कन्या पूजन में बनाई जाने वाली खास रेसिपीज- Special Recipes For Kanya Puja:

काले चने
चावल की खीर
पूड़ी
सूजी  का हलवा
दही भल्ला
कददू की सब्जी
छोले की सब्जी

कन्या पूजन विधि- Kanya Pujan Vidhi:

नवरात्रि में अष्टमी और नवमी का विशेष महत्व होता है. इन दोनों दिन लोग अपने घरों में कन्या पूजन करते है. इसके लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और माता महागौरी और सिद्धीदात्री की अराधना करें. 

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कन्या पूजन के लिए अपने घर में 2 से 10 साल तक की कन्याओं को भोजन करने के लिए बुलाएं.
कन्याओं और एक कंजक के पैर स्वच्छ जल से धोकर उन्हें आसन पर बिठाएं.
अब सभी कन्याओं का रोली या कुमकुम और अक्षत से तिलक करें.
इसके बाद गाय के उपले को जलाकर उसकी अंगार पर लौंग, कर्पूर और घी डालकर अग्नि प्रज्वलित करें.
इसके बाद कन्याओं के लिए बनाए गए भोजन में से थोड़ा सा भोजन पूजा स्थान पर अर्पित करें.
अब सभी कन्याओं और कंजक के लिए भोजन परोसे.
उन्हें प्रसाद के रूप में फल, सामर्थ्यानुसार दक्षिणा अथवा उनके उपयोग की वस्तुएं प्रदान करें.
सभी कन्याओं के पैर छूकर कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर उन्हें सम्मान पूर्वक विदा करें.

अष्टमी तिथि शुभ मुहूर्त- Ashtami Date And Subh Muhurt:

चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि शुभ मुहूर्त 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक है. 

नवरात्रि तिथि शुभ मुहूर्त- Navami Date And Subh Muhurt:

चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि 10 अप्रैल की रात्रि 1 बजकर 23 मिनट से 11 अप्रैल सुबह 3 बजकर 15 मिनट तक. 

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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