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This Article is From Mar 25, 2016

रिव्यू : 'रॉकी हैंडसम' में कुछ भी नया नहीं

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रिव्यू : 'रॉकी हैंडसम'  में कुछ भी नया नहीं
मुंबई: फिल्म 'रॉकी हैंडसम' में रॉकी उर्फ़ कबीर हैं, जॉन अब्राहम और उनकी पत्नी की भूमिका में हैं श्रुति हसन और इनके साथ आपको फिल्म में नजर आएंगे नथालिया कौर, दिव्या चलवाड, टैडी मौर्या और निशिकांत कामत, जो फिल्म के डायरेक्टर भी हैं।

'रॉकी हैंडसम' रीमेक है कोरियन फ़िल्म 'द मैन फ़्रॉम नोवेहर' का। फिल्म में रॉकी एक दुकान चलाते हैं, जहां वह लोगों का सामान गिरवी रखकर उन्हें पैसा देते हैं, उनकी पड़ोसी हैं, ऐना जो क्लब में डांसर हैं और ऐना की एक बेटी है निओमी जो रॉकी के साथ काफी घुलीमिली है। यह बात अलग है कि रॉकी किसी से बात नहीं करता और अलग-थलग जिंदगी बसर करता है। एक दिन वह देखता है कि ऐना को कुछ लोग परेशान कर रहे और ऐना और उसकी बेटी निओमी का अपहरण करके ले जाते हैं और बस इसी पल रॉकी फ़ैसला करता है इन दोनों को ढूंढकर बचाने का और फिर धीरे-धीरे उन सवालों के जवाब आपके सामने आते जाते हैं, जो बतौर दर्शक आपके जहन में घूम रहे होते हैं। तो यह था फिल्म की कहानी का थोड़ा-सा जायज़ा और अब मैं बात करूंगा फिल्म की खामियों और खूबियों की।

खामियों में लेखक और निर्देशक इस फिल्म का हिन्दी रूपांतरण करने में नाकामयाब रहे हैं। फिल्म के किरदारों को कॉपी करने के चक्कर में किरदार विश्वसनीय नहीं बन पाते और कुछ किरदार बहुत ही लाउड और नकली लगते हैं। मसलन टैडी मौर्या का किरदार ल्यूक, फिल्म का एक किरदार मन्तो और खुद निशीकान्त कामत का किरदार। ये किरदार न तो कुछ नए लगते हैं और न ही आप पर कोई असर छोड़ते हैं सिवाय शोर के।

फिल्म की कहानी में भी कोई ताज़गी नहीं है। ड्रग्स, स्मग्लिंग और खून ख़राबा आपने पहले कई बार देखा होगा वैसा ही है इसमें भी। इसे भी किसी नयेपन के साथ पेश नहीं किया गया। सबसे बड़ी बात यह कि इस फिल्म में सोल या कहें आत्मा नहीं है। यह ऊपरी तौर पर चलती रहती है और आपके दिल तक नहीं पहुंच पाती। मुझे यह फिल्म एक तय ढर्रे पर चलती नज़र आई। जैसे अब गाना आएगा अब एक फाइट सीन और अब चेजिंग, यह फिल्म आपको न तो कोई चौंकाने वाला मोड़ देती है और न ही आपको किसी भावनात्मक सफ़र पर ले जाती है। फिल्म के गाने, संगीत या सिनेमैटोग्रॉफी कुछ भी मुझे प्रभावशाली नहीं लगा। तो ये थी ख़ामिया और अब बात खूबियों की तो जो लोग जॉन के फैन हैं, उन्हे शायद जॉन को एक बार फिर एक्शन करते हुए देख मज़ा आएगा। जॉन के बारे में मैं ये तो नहीं कहूंगा कि अच्छी एक्टिंग की है पर गुमसुम और गुस्से से भरे 'रॉकी हैंडसम' के किरदार में वह ठीक-ठाक लगे हैं, मुझे फिल्म में शरद केलकर का काम अच्छा लगा और इस फिल्म में जो आपकी थोड़ी रूचि बनाए रखता है वह है फिल्म का एक्शन। तो ये था मेरा नज़रिया फिल्म के बारे में। आपका नजरिया मुझसे अलग हो सकता है पर मेरे मुताबिक इस फ़िल्म को मैं दे सकता हूं सिर्फ 2 स्टार।

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