जावेद अख्तर (फाइल फोटो)
बेंगलुरु:
ट्विंकल खन्ना और डिंपल कपाड़िया के बाद अब गीतकार व पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने राजेश खन्ना के खिलाफ बयान देने के लिए नसीरुद्दीन शाह की आलोचना की है. नसीर ने हाल में कहा था कि 1970 के दशक में बॉलीवुड फिल्मों के ‘औसत दर्जे’ का होने के लिए राजेश खन्ना जिम्मेदार हैं. हालांकि अख्तर ने कवि और गीतकार गुलजार की जमकर प्रशंसा की.
सलीम खान ने नसीर के बयान को बताया था निराशाजनक
‘अट्टा गलाटा’ की तरफ से आयोजित पहले बेंगलुरु कविता उत्सव में हिस्सा लेने आए अख्तर ने कहा, ‘नसीरुद्दीन शाह सफल लोगों को पसंद नहीं करते. मैंने उन्हें कभी भी सफल लोगों की प्रशंसा करते नहीं सुना. वह दिलीप कुमार की आलोचना करते हैं. वह अमिताभ बच्चन की आलोचना करते हैं.’ शाह के बयान की काफी आलोचना हुई थी और अख्तर के कभी सहयोगी रहे सलीम खान ने उनके बयान को ‘निराशाजनक और कड़वाहटपूर्ण’ बताया था.
अख्तर ने की गुलजार के लिखे गानों की प्रशंसा
वहीं गुलजार के लिखे गानों की प्रशंसा करते हुए अख्तर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘जब मैं उनके गाने सुनता हूं तो मुझे पूछना नहीं पड़ता है कि इसे किसने लिखा है. आसानी से पता चल जाता है कि यह गुलजार का गीत है और काल्पनिक कविता लिखना आसान काम नहीं है. आप इसे कमतर नहीं आंक सकते. बहुत कम लेखक यह उपलब्धि हासिल कर सकते है. वास्तव में मैं उनके कार्यों का बहुत सम्मान करता हूं.’
गुलजार से तुलना की कोई जरूरत नहीं है
अख्तर ने कहा कि गुलजार से तुलना की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उनका और गुलजार का अलग स्टाइल है. उन्होंने कहा, ‘तुलना करने की जरूरत नहीं है. अलग..अलग लेखकों की अलग शैली होती है. इसलिए कोई भी स्टाइल अच्छा काम और बुरा काम दोनों परिणाम दे सकता है.’
सलीम खान ने नसीर के बयान को बताया था निराशाजनक
‘अट्टा गलाटा’ की तरफ से आयोजित पहले बेंगलुरु कविता उत्सव में हिस्सा लेने आए अख्तर ने कहा, ‘नसीरुद्दीन शाह सफल लोगों को पसंद नहीं करते. मैंने उन्हें कभी भी सफल लोगों की प्रशंसा करते नहीं सुना. वह दिलीप कुमार की आलोचना करते हैं. वह अमिताभ बच्चन की आलोचना करते हैं.’ शाह के बयान की काफी आलोचना हुई थी और अख्तर के कभी सहयोगी रहे सलीम खान ने उनके बयान को ‘निराशाजनक और कड़वाहटपूर्ण’ बताया था.
अख्तर ने की गुलजार के लिखे गानों की प्रशंसा
वहीं गुलजार के लिखे गानों की प्रशंसा करते हुए अख्तर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘जब मैं उनके गाने सुनता हूं तो मुझे पूछना नहीं पड़ता है कि इसे किसने लिखा है. आसानी से पता चल जाता है कि यह गुलजार का गीत है और काल्पनिक कविता लिखना आसान काम नहीं है. आप इसे कमतर नहीं आंक सकते. बहुत कम लेखक यह उपलब्धि हासिल कर सकते है. वास्तव में मैं उनके कार्यों का बहुत सम्मान करता हूं.’
गुलजार से तुलना की कोई जरूरत नहीं है
अख्तर ने कहा कि गुलजार से तुलना की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उनका और गुलजार का अलग स्टाइल है. उन्होंने कहा, ‘तुलना करने की जरूरत नहीं है. अलग..अलग लेखकों की अलग शैली होती है. इसलिए कोई भी स्टाइल अच्छा काम और बुरा काम दोनों परिणाम दे सकता है.’
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