मनोज बाजपेयी ने कहा, ओम पुरी की 'आक्रोश' देख कर हुआ था प्रभावित
नई दिल्ली:
एक्टर मनोज बाजपेयी का मानना है कि अगर दिवंगत अभिनेता ओमपुरी के जीवन पर फिल्म बनाई जाती है तो उनसे बेहतर कोई और कलाकार उनके चरित्र को नहीं निभा सकता. मनोज यहां दिवंगत अभिनेता की याद में आयोजित एक प्रार्थना सभा में उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. शुक्रवार को मुंबई के जूहु इलाके में 'इंडियन फिल्म एंड टीवी डायरेक्टर्स एसोसिएशन' द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में कई फिल्मी सितारे दिवंगत अभिनेता ओमपुरी को याद करने के लिए इकट्ठे हुए. बता दें कि ओम पुरी का का छह जनवरी को निधन हो गया था.
इस मौके पर पहुंचे मनोज बाजपेयी ने कहा, 'मुझे लगता है कि कोई भी मुझसे बेहतर ओम जी के चरित्र को नहीं निभा सकता, क्योंकि मैं उन्हें करीब से जानता था. मैं उनकी प्रार्थना सभा में शामिल होने आया हूं, फिर भी मुस्कुरा रहा हूं क्योंकि अगर आप उन्हें याद करते हैं तो आप तनावग्रस्त नहीं हो सकते. वह बहुत खुशमिजाज शख्स थे. मैं उन्हें बहुत खुशी के साथ याद करता हूं.'
विविधतापूर्ण किरदार निभाने के लिए मशहूर बाजपेयी ने बताया कि ओम पुरी की फिल्म 'आक्रोश' देखने के बाद उन्होंने सोच लिया था कि उन्हें भी वैसा ही काम करना है. दिवंगत अभिनेता ने छोटे कस्बे के युवाओं को सपने देखने के लिए प्रेरित किया. इस मौके पर मनोज बाजपेयी बोले, वह अपनी फिल्मों के सेट पर हर किसी के साथ एक जैसा व्यवहार करते थे और कोई नया व्यक्ति हो तो उसे काफी सहज महसूस कराने की कोशिश करते थे.
मुंबई में आयोजित इस सभा में जॉनी लीवर, जूही बब्बर, भोजपुरी एक्टर रवि किशन, डायरेक्टर अमोल गुप्ते, एक्टर सीमा कपूर, राकेश बेदी, दिव्या दत्ता, ईला अरुण, सतीश कौशिक जैसे कई सितारे पहुंचे.
उन्होंने बताया कि पुरी सबके साथ समान व्यवहार करते थे. बाजपेयी ने कहा कि अभिनेता ने उनकी पिछली फिल्म 'अलीगढ़' तो नहीं देखी लेकिन वह 'अलीगढ़' और 'बुधिया सिंह' के बारे में हर किसी से बात करते थे.
अभिनेता के मुताबिक, "लोग कहते हैं कि अगर आपको अच्छा अभिनेता बनना है तो उससे पहले आपको अच्छा इंसान बनना होगा और जब भी मेरा भरोसा इस कहावत पर से उठने लगा तो मैं ओम पुरी से मिला और मेरा भरोसा लौट आया.'
(इनपुट आईएएनएस से भी)
इस मौके पर पहुंचे मनोज बाजपेयी ने कहा, 'मुझे लगता है कि कोई भी मुझसे बेहतर ओम जी के चरित्र को नहीं निभा सकता, क्योंकि मैं उन्हें करीब से जानता था. मैं उनकी प्रार्थना सभा में शामिल होने आया हूं, फिर भी मुस्कुरा रहा हूं क्योंकि अगर आप उन्हें याद करते हैं तो आप तनावग्रस्त नहीं हो सकते. वह बहुत खुशमिजाज शख्स थे. मैं उन्हें बहुत खुशी के साथ याद करता हूं.'
विविधतापूर्ण किरदार निभाने के लिए मशहूर बाजपेयी ने बताया कि ओम पुरी की फिल्म 'आक्रोश' देखने के बाद उन्होंने सोच लिया था कि उन्हें भी वैसा ही काम करना है. दिवंगत अभिनेता ने छोटे कस्बे के युवाओं को सपने देखने के लिए प्रेरित किया. इस मौके पर मनोज बाजपेयी बोले, वह अपनी फिल्मों के सेट पर हर किसी के साथ एक जैसा व्यवहार करते थे और कोई नया व्यक्ति हो तो उसे काफी सहज महसूस कराने की कोशिश करते थे.
Akrosh has been an inspiration says Manoj Bajpai remembering Om Puriji @ashokepandit @DhoopAshwini @BajpayeeManoj @VarmaSaurabh pic.twitter.com/BM1uFVAwXn
— Iftda India (@DirectorsIFTDA) January 19, 2017
मुंबई में आयोजित इस सभा में जॉनी लीवर, जूही बब्बर, भोजपुरी एक्टर रवि किशन, डायरेक्टर अमोल गुप्ते, एक्टर सीमा कपूर, राकेश बेदी, दिव्या दत्ता, ईला अरुण, सतीश कौशिक जैसे कई सितारे पहुंचे.
उन्होंने बताया कि पुरी सबके साथ समान व्यवहार करते थे. बाजपेयी ने कहा कि अभिनेता ने उनकी पिछली फिल्म 'अलीगढ़' तो नहीं देखी लेकिन वह 'अलीगढ़' और 'बुधिया सिंह' के बारे में हर किसी से बात करते थे.
अभिनेता के मुताबिक, "लोग कहते हैं कि अगर आपको अच्छा अभिनेता बनना है तो उससे पहले आपको अच्छा इंसान बनना होगा और जब भी मेरा भरोसा इस कहावत पर से उठने लगा तो मैं ओम पुरी से मिला और मेरा भरोसा लौट आया.'
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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