मुंबई:
बॉलीवुड में दो दशक से सक्रिय रहे राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मनोज बाजपेयी जल्द ही फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखना चाहते हैं। उनका मानना है कि फिल्म निर्माण से उनकी ताकत में इजाफा होगा।
उन्होंने कहा, कल अगर मेरे पास पैसा होगा तो मैं बेशक फिल्म निर्माता बनूंगा। फिल्म निर्माण से मुझे वह करने की आजादी मिलेगी जो मैं करना चाहता हूं। चाहे वह मुख्यधारा की फिल्म हो या कुछ और। फिल्म निर्माण से मुझे काफी ताकत मिलेगी।
उन्होंने कहा, मैं बेशक जल्द ही फिल्म निर्माण में कदम रखूंगा। देखें, यह कब होता है।
फिल्म 'सत्या' की सफलता से न सिर्फ उनके करियर को नई उड़ान मिली बल्कि उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार भी हासिल किया। इस फिल्म के बाद उन्होंने 'कौन?', 'शूल' और चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म 'पिंजर' में सराहनीय भूमिका की जिसकी बदौलत उन्होंने दोबारा राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किया।
इसके बाद भले ही उनका करियर खराब दौर से गुजरा हो, लेकिन उन्होंने फिल्म 'राजनीति', 'चक्रव्यूह' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से दोबारा बॉलीवुड में अपने अभिनय को साबित किया।
उन्होंने कहा, कल अगर मेरे पास पैसा होगा तो मैं बेशक फिल्म निर्माता बनूंगा। फिल्म निर्माण से मुझे वह करने की आजादी मिलेगी जो मैं करना चाहता हूं। चाहे वह मुख्यधारा की फिल्म हो या कुछ और। फिल्म निर्माण से मुझे काफी ताकत मिलेगी।
उन्होंने कहा, मैं बेशक जल्द ही फिल्म निर्माण में कदम रखूंगा। देखें, यह कब होता है।
फिल्म 'सत्या' की सफलता से न सिर्फ उनके करियर को नई उड़ान मिली बल्कि उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार भी हासिल किया। इस फिल्म के बाद उन्होंने 'कौन?', 'शूल' और चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म 'पिंजर' में सराहनीय भूमिका की जिसकी बदौलत उन्होंने दोबारा राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किया।
इसके बाद भले ही उनका करियर खराब दौर से गुजरा हो, लेकिन उन्होंने फिल्म 'राजनीति', 'चक्रव्यूह' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से दोबारा बॉलीवुड में अपने अभिनय को साबित किया।
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