खास बातें
- बेंगलुरू छेड़छाड़ मामले में मलाइका ने दिया कड़ा संदेश
- मलाइका अरोड़ा ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा पोस्ट
- महिलाओं के कपड़ों पर टिप्पणी करने वालों के खिलाफ संदेश
नई दिल्ली: नए साल को बेंगलुरू में हुई घटना पर देश भर में गुस्सा फूटता दिख रहा है. नए साल पर यूं तो ज्यादातर फिल्मी सितारे विदेशों में या देश में ही मस्तीभरी छुट्टियां बिताते दिखे, लेकिन इस घटना के बारे में सामने आते ही सितारों ने भी इस पर चुप्पी नहीं रखी और खुलकर अपनी बात सामने रखी है. इस कड़ी में आमिर खान, अक्षय कुमार और अनुष्का शर्मा के बाद मलाइका अरोड़ा ने भी अपना विरोध दर्ज कराया है. मलायका ने देश की हर लड़की की तरफ से जो लिखा है उसे पढ़ कर आपकी भी आंखे नम हो जाएंगी.
अक्सर ऐसी घटनाओं के बाद हमेशा लड़की के कपड़े, उसके अकेले होने या फिर उसके गलत समय पर बाहर रहने जैसे विषय उठाए जाते हैं. ऐसी हर घटना के बाद कहीं न कहीं लड़की को ही जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है. ऐसी की भावना के साथ मलाइका ने देश में महिलाओं की सुरक्षा और पूरी व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा किया है. इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं के कपड़ों पर टिप्पणी करने वाले लोगों की सोच पर एक करारा थप्पड़ मारा है. मलाइका ने अपने इस संदेश के आखिर में लिखा है कि अगर लड़कियां छोटे कपड़े पहन कर पाश्चात्य सभ्यता को फोलो कर रही हैं, तो जो लड़के उन्हें छेड़ते हैं क्या वह भारतीय सभ्यता की नकल कर रहे हैं.
मलाइका ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक काला फोटो डाला और उसके साथ अपना संदेश लिखा है. मलायका ने लिखा, 'सो, मैं अपनी सहेलियों के साथ एक बड़े मैट्रोपोलिटन शहर की भीड़भरी सड़कों पर पार्टी करने के लिए गई थी, वे बड़ी तादाद में वहां आए, और हमारे साथ छेड़खानी और बदतमीज़ी की... लेकिन मेरी सुरक्षा मेरी ज़िम्मेदारी है, सो...
अगली बार मैं एक डिस्कोथेक में गई, वह चारों तरफ से बंद था, और वहां बाउंसर भी थे, वे उस जगह के भीतर आए, और हमें पीटा, और हमारे कपड़े फाड़ डाले... लेकिन मेरी सुरक्षा मेरी ज़िम्मेदारी है, सो... मैं अपने पुरुष मित्र के साथ फिल्म देखने गई, उन्होंने मुझे एक बस में धकेला और मेरे गुप्तांग में लोहे की छड़ डाल दी... लेकिन मेरी सुरक्षा मेरी ज़िम्मेदारी है, सो...
उन्होंने आगे लिखा, 'मैं अपने कॉलेज गई थी, 'शिष्ट' सलवार-कमीज़ में पूरी तरह ढकी हुई, उन्होंने एक कोने में मुझे पकड़ लिया, और मुझे दबोचा... लेकिन मेरी सुरक्षा मेरी ज़िम्मेदारी है, सो... मैंने घर में ही रहने का फैसला किया, उन्होंने दरवाज़ा तोड़ डाला, मुझे बांध दिया, और फिर जो-जो मुझसे करवाया, उसका वीडियोटेप भी बनाया... लेकिन मेरी सुरक्षा मेरी ज़िम्मेदारी है, सो...'
मैं अपने परिवार के पास रहने के लिए लौट आई, पूरी तरह सुरक्षित महसूस करती हुई, वे मेरे चाचा थे, लेकिन उन्होंने उस वक्त मुझे भतीजी की तरह नहीं देखा, जब उन्होंने मुझे मेरे कपड़े उतारने पर मजबूर किया, और फिर मेरे साथ मनमानी की... लेकिन मेरी सुरक्षा मेरी ज़िम्मेदारी है, सो...
इन दिनों मैं गुसलखाने में बैठी रहती हूं, उसे कसकर बंद करने के बाद, बाहर बिल्कुल नहीं निकलती... वे सामने वाली इमारत की छत पर खड़े रहते हैं, मेरे गुसलखाने की खिड़की से झांकते हुए, लेकिन मैं नहाती नहीं, क्योंकि लेकिन मेरी सुरक्षा मेरी ज़िम्मेदारी है...
अब मैं बिल्कुल वैसी हो चुकी हूं, जैसा वे मुझे हमेशा से देखना चाहते रहे हैं... मेरी आत्मा टूट चुकी है, पलटवार करने की मेरी क्षमता नदारद हो चुकी है, कुछ कर गुज़रने की मेरी इच्छा खत्म हो चुकी है... मैं उनकी दया पर निर्भर हूं... अब भी गुसलखाने में फंसी हुई, और उस वक्त के इंतज़ार में डरती हुई, जब वे मुझे पाने के लिए यहां भी आ जाएंगे, और दरवाज़ा खटखटाना शुरू कर दिया जाएगा...
मैं वह भारतीय लड़की हूं, जो खेलों में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकती है, देश के लिए मेडल जीतकर ला सकती है, सेना में भर्ती हो सकती है, सीईओ बन सकती है, अंतरिक्ष में जाकर दुनियाभर में चर्चा का विषय बन सकती है, लेकिन सिर्फ तभी, जब मैं इस गुसलखाने से बाहर आ सकूंगी... लेकिन मेरी सुरक्षा मेरी ज़िम्मेदारी है, सो...
मलाइका ने अपने इस संदेश के आखिर में एक चेतावनी भी दी है. 'डिस्क्लेमर : छोटे कपड़े पहनने वाली, शराब पीने वाली और पार्टी करने वाली लड़कियां पश्चिमी सभ्यता की नकल कर रही हैं, और लड़के जो उन्हें छेड़ते हैं, भारतीय सभ्यता की नकल कर रहे हैं...?'