80 के दशक से दक्षिण भारतीय फिल्मों के अभिनेता बॉलीवुड में आते रहे हैं। कुछ को सफलता मिली तो कुछ को नहीं मिली या कुछ को बेहद कम, मगर हर दौर में ये सिलसिला जारी रहा। रजनीकांत, कमल हसन, वेंकटेश, ममूटी, मोहनलाल, चिरंजीवी सहित ढेरों कलाकार हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में आते जाते रहे हैं। इनमें से कई पैसों के लिए, कई अच्छे किरदार के लिए तो कई पूरे हिंदुस्तान में अपना नाम पैदा करने के लिए बॉलीवुड में आये।
इन दिनों साउथ फ़िल्म इंडस्ट्री के सुपर स्टार धनुष बॉलीवुड में अपना मुकाम बनाने में लगे हैं और इनकी ये कोशिश है अपने किरदारों के साथ प्रयोग करने के लिए। धुनुष चहते हैं की वो बॉलीवुड में एक्सपेरिमेंट करें क्योंकि यहाँ एक्सपीईमेंट ज़्यादा होते हैं।
धनुष ने फ़िल्म शमिताभ् के प्रचार के दौरान कहा की "साउथ फ़िल्म इंडस्ट्री में मैं एक इमेज में बन्ध गया था। वहां मेरी एक इमेज बन गई है और वैसे ही किरदार मिलते हैं। मगर बॉलीवुड में अभी मेरी कोई इमेज नहीं इसलिए मैं यहां अपने किरदारों के साथ प्रयोग करने आया हूँ और कर सकता हूँ"।
धनुष ने अभी एक फ़िल्म की है अमिताभ बच्चन के साथ फ़िल्म "शमिताभ" जिसके निर्देशक हैं आर.बालकी। धनुष के मुताबिक ये रोल उनके लिए एक एक्सपेरिमेंटल रोल है। इससे पहले 2013 में उनकी पहली फ़िल्म "रांझणा" भी धनुष के लिए बड़ी प्रयोग वाली फ़िल्म थी जिसमें हिंदी ना जानते हुए भी उन्होंने बनारस के टपोरी लड़के का किरदार निभाया था। उनका वो प्रयोग बेहद सफल रहा।
शमिताभ के प्रमोशनल इवेंट पर धनुष ने कहा की "मैं खुशकिस्मत हूँ की मुझे रांझणा और शमिताभ् जैसी फ़िल्म का हिस्सा बनने का मौका मिला, खुशकिस्मत हूँ की बहुत बडे-बड़े लोगों के साथ काम करने का मौका मिला। साउथ फ़िल्म इंडस्ट्री से लेकर बॉलीवुड तक ज़िन्दगी में बहुत कुछ मिला है और इतना ज़्यादा मिला है की मैं इतना ज़्यादा का हक़दार नहीं था"।
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