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This Article is From Jan 06, 2011

विकल्प : साज़िश…थ्रिल…सस्पेंस और खामियां भी

मुंबई: फिल्म विकल्प कहानी है अंग्रेज़ी में कमज़ोर मराठी मीडियम में पढ़ी अनाथ… ऋषिका गांधी की जो छोटी-मोटी कंप्यूटर इंस्टीट्यूट्स में ट्रेनिंग लेकर कंप्यूटर साइंस की महारथी बन जाती है। मगर जब बड़े से बड़े पासवर्ड तोड़ने वाली ऋषिका के काम की कद्र देश में नहीं होती तो वह बैंकॉक जाकर नौकरी करने लगती है। पर क्या यहां भी ऋषिका बनेगी साजिश की शिकार। क्या है उसकी कंपनी का असली चेहरा... विकल्प की शुरुआती कुछ मिनिटों में मुझे लगा कि ये एक साधारण लड़की के असाधारण सपनों को छूने की प्रेरणा भरी कहानी है। लेकिन जैसे ही कहानी सस्पेंस और थ्रिल की तरफ मुडती है…गलतियां नज़र आने लगती हैं। ऋषिका से टकराने वाला हर शख्स फ्रॉड क्यों है सीधा-साधा बॉयफ्रेंड अचानक एक्सपर्ट गनमास्टर क्यों बन जाता है। पासवर्ड ब्रेक होते दिखाते ग्राफिक्स भी साधारण ही हैं। गाने तो कहानी में रुकावट खड़ी करते ही हैं। लेकिन बिना शक दीपल शाह ने डी-ग्लैमरस मराठी लड़की का रोल अच्छा किया है। कहानी हटकर है जिसमें सस्पेंस बना रहता है। एक-दो सीन तो चौंकाते हैं। विकल्प के लिए मेरी रेटिंग है 2 स्टार।

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