मुंबई के मराठा मंदिर में 20 सालों से चल रही दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे का ऐतिहासिक सफ़र गुरुवार को समाप्त हो गया। मराठा मंदिर में रिकॉर्ड तोड़ 1009 हफ्तों का लंबा सफ़र तय करने के बाद अब यहां डीडीएलजे नहीं दिखाई जाएगी।
फ़िल्म आख़िरी बार गुरुवार को मराठा मंदिर में सुबह सवा नौ बजे दिखाई गई। भारतीय इतिहास में किसी भी थिएटर में सबसे लंबी चलने वाली ये इकलौती फ़िल्म है।
मराठा मंदिर के प्रबंध निदेशक मनोज देसाई ये दावा करते हैं कि दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे सिनेमा इतिहास की वो एकलौती फ़िल्म है जिसने मुग़ल-ए-आज़म और शोले जैसी ब्लॉकबस्टर फ़िल्मों को भी पछाड़ा है।
1995 में रिलीज़ के बाद से लगातार मराठा मंदिर में चल रही डीडीएलजे ने पिछले साल दिसंबर में अपने 1000 हफ्ते पूरे किए थे जिसके जश्न में राज और सिमरन यानी शाहरुख़ और काजोल दोनों शामिल हुए थे।
500 हफ्तों तक फ़िल्म ने बॉक्स ऑफ़िस पर 200 करोड़ की कमाई की थी। 1000 हफ्तों तक आते आते आंकड़ों में चंद करोड़ ही जुड़े थे, पर पब्लिक की डिमांड और यशराज बैनर की 1000 हफ्ते पूरे करने की चाहत पर मराठा मंदिर से फ़िल्म नहीं हटाई जा रही थी।
पर अब थिएटर और यशराज के आपसी सहमति से फ़िल्म को थिएटर से हटाया गया है। अब तक की सबसे कामयाब फ़िल्मों में एक दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे बनने के पीछे छुपी है सितारों की कड़ी मेहनत और डीडीएलजे से डायरेक्शन में डेब्यू करने वाले यश चोपड़ा के बेटे आदित्य चोपड़ा की ज़बरदस्त लगन।
400 से ज़्यादा लोगों की टीम ने DDLJ की नींव डाली थी। अब मुंबई के मराठा मंदिर को इंतज़ार है DDLJ को टक्कर देने वाली किसी दूसरी फ़िल्म का। सवाल है क्या ये दम बॉलीवुड की मौजूदा फ़िल्मों में है?
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