शशि कपूर को दादा साहब फाल्के बहुत पहले मिल जाना चाहिए था : संजना कपूर

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

1940 के दशक से भारतीय सिनेमा योगदान के लिए 77 साल के शशि कपूर को दिल्ली में 62वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में दादा साहेब फाल्के अवार्ड से नवाज़ा जाएगा।

खराब सेहत के कारण शशि कपूर अवार्ड लेने दिल्ली नहीं आएंगे। वहीं शशि कपूर की बेटी अभिनेत्री संजना कपूर को लगता है कि उन्हें अवार्ड देने में देर की है।

संजना कपूर ने एनडीटीवी को कहा, इस अवार्ड से खुशी है, लेकिन अगर यह अवार्ड दस साल पहले मिलता तो ज्यादा खुशी होती। खुद शशि कपूर को आज की तारीख में इस अवार्ड से शायद ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, पर हम इस अवार्ड का स्वागत करते हैं।

3 मई को समारोह के दौरान शशि कपूर के नाम बिग बी द्वारा रिकॉर्ड किया गया खास ट्रिब्यूट वीडियो संदेश दिखाया जाएगा। शशि कपूर और अमिताभ बच्चन की ऑन-स्क्रीन जोड़ी ने 70-80 के दशक में हिन्दी सिनेमा में धूम मचाई।

एक तरफ बॉलीवुड के प्रिंस चार्मिंग तो दूसरी तरफ बिग बी का एंग्री यंग मैन स्टाइल और इसके मेल ने कई हिट फिल्में दीं, जैसे 'दीवार', 'त्रिशूल', 'सिलसिला', 'रोटी कपड़ा और मकान', 'कभी-कभी', 'काला पत्थर' से लेकर 'नमक हलाल' और 'दो और दो पांच' इस जोड़ी की सबसे कामयाब फिल्में रहीं।

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दिल्ली में एनडीटीवी से बात करते हुए शशि कपूर के बेटे कुनाल कपूर ने कहा, शशि कपूर का योगदान सिर्फ भारतीय सिनेमा में नहीं, वह क्रॉसओवर सिनेमा में भी बहुत सफल रहे। वो लोगों को अपनी ओर खींचने में माहिर रहे। सिर्फ अच्छे अभिनेता नहीं, वह बहुत अच्छे इंसान हैं। शशि कपूर को दादा साहेब फाल्के अवार्ड देने सूचना प्रसारण मंत्री अरुण जेटली मुंबई जाएंगे।