फिल्म 'पीके' बॉक्स ऑफिस पर 300 करोड़ रुपये कमाने वाली बॉलीवुड की पहली फ़िल्म तो बन गई है, लेकिन फ़िल्म से जुड़े विवाद ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहे। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या पीके के सीन्स को लेकर सेंसर बोर्ड बंटा हुआ था?
सेंसर बोर्ड कमेटी के सतीश कल्याणकर अपने सहयोगी के साथ पीके का विरोध कर रहे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से मिलने पहुंचे और उसके बाद प्रेस कांफ़्रेंस की। सतीश कल्याणकर ने बताया कि उन्होंने इस फ़िल्म में हिंदु धर्म से जुड़े कुछ दृष्यों पर आपत्ति जताई थी, लेकिन उन दृष्यों को हटाए बिना फ़िल्म को पास कर दिया गया।
यहां आपको बता दें कि फ़िल्म को पास करने में सेंसर बोर्ड के एक अधिकारी के साथ चार सदस्यों की टीम होती है, फ़िल्म सर्व सम्मित से पास होती है, सभी सदस्यों को फ़िल्म से जुड़ी अपनी राय लिखित रूप में देनी होती है और अगर किसी तरह की आपत्ति जताई जाती है तो सेंसर बोर्ड के सीईओ और चेयरमैन को फ़ैसला लेने का अधिकार है।
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