अभिनेत्री करीना कपूर फिल्में चुनते समय 'सर्वश्रेष्ठ पकड़ो, बाकी छोड़ो' नीति का पालन करती हैं। कहा गया है कि करीना ने हाल ही में छह फिल्मों के प्रस्ताव ठुकरा दिए। करीना कहती हैं कि वह थोड़ी, लेकिन असाधारण फिल्में करना चाहती हैं, क्योंकि उनके लिए कभी भी 'बीच का रास्ता' नहीं होता।
करीना ने एक साक्षात्कार में बताया, अगर पटकथाएं अच्छी होंगी तो मैं यकीनन 'हां' कहूंगी। कुछ पटकथाएं कुछ अभिनेत्रियों के लिए काम कर जाती हैं और कुछ नहीं करतीं। लेकिन, हां, मेरा काम सर्वश्रेष्ठ पटकथा चुनना है।
34 वर्षीया करीना ने कहा, शादी के बाद मैं एक बार में सिर्फ एक या दो फिल्म करना चाहती हूं। मैं ज्यादा फिल्में नहीं कर सकती। यह मेरा निजी फैसला है और मैं चाहती हूं कि लोग इसका सम्मान करें।
अभिनेता-फिल्म निर्माता सैफ अली खान की पत्नी ने कहा, मैं जो कुछ भी चुनूंगी, वह मेरे पास मौजूद समय के मुताबिक होगा। यह इतना काबिलेगौर होना चाहिए, जिसके लिए मैं अपने घर से निकलूं और काम पर जाऊं। यह या तो साल की सबसे बड़ी फिल्म होनी चाहिए या फिर सर्वश्रेष्ठ पटकथा होनी चाहिए। इस वक्त मेरे पास बीच का रास्ता नहीं है।
क्या फिल्म प्रस्ताव ठुकराने से फिल्मी हस्तियों के साथ आपके संबंधों पर असर पड़ता है?
इस सवाल के जवाब में करीना ने कहा, मुझे नहीं लगता कि इससे रिश्तों पर कोई असर पड़ता है। यह एक कलाकार का चुनाव होता है और एक फिल्म एक रिश्ते को प्रभावित नहीं कर सकती। करीना आगे 'सिंघम रिटनर्स' फिल्म में नजर आएंगी।
करीना हिंदी सिनेमा के मशहूर कपूर खानदान से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने वर्ष 2000 में जे.पी. दत्ता की फिल्म 'रिफ्यूजी' से अपने सिनेमाई करियर की शुरुआत की।
उन्होंने 'अजनबी', 'कभी खुशी कभी गम', 'चमेली', 'ऐतराज', 'ओंकारा', 'डॉन', 'जब वी मेट', 'टशन', 'गोलमाल रिटर्न्स', 'कुर्बान', '3 इडियट्स', 'बॉडीगार्ड', 'आर वन', 'तलाश : द आन्सर लाइज विदिन' और 'सत्याग्रह' सरीखी फिल्मों से फिल्मोद्योग में विशेष मुकाम बनाया है।
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