बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान (फाइल फोटो)
मुंबई:
बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने सोमवार को अपने जीवन के 51 बसंत पूरे कर लिए। यहां एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बर्थडे केक काटा। आमिर अपने लॉस एंजिलिस के टूर को छोटा कर मुंबई अपनी मां के पास लौट आए क्योंकि उनकी ख्वाहिश थी कि बेटा जन्मदिन पर उनके पास रहे। आमिर, 80 वर्षीय अपनी मां को बनारस में एक घर भेंट करेंगे। आमिर ने अपने बर्थडे सेलिब्रेशन के दौरान ऐलान किया कि वह अपनी मां जीनत हुसैन को एक घर गिफ्ट करेंगे। यह घर और कहीं नहीं, बल्कि शिव की नगरी बनारस में होगा।
बनारस की गलियों में बीता है मां का बचपन
गौरतलब है कि जीनत का बनारस से खास रिश्ता है। उनका पूरा बचपन बनारस की गलियों में बीता है। जीनत हमेशा से बनारस जाती रहीं है, इसलिए आमिर का भी इस शहर से भावनात्मक रिश्ता बना हुआ है। आमिर ने अपनी मां के पैतृक घर को लेने की सारी फॉरमैलिटी पूरी कर ली है। आमिर 'थ्री इडियट्स' की बनारस में शूटिंग के समय से ही इसमें लगे हुए थे, लेकिन अब जाकर घर का सपना पूरा हुआ है। बनारस में मां के पैतृक घर को अपने कब्जे में लेना हमेशा से आमिर का सपना रहा है।
'चाहता हूं, मां फिर से बचपन को जिएं'
आमिर का यह तोहफा जीनत के लिए उनके जीवन के सबसे अनमोल तोहफों में से एक होगा। 80 की उम्र में इंसान एक बार फिर से बच्चा बन जाता है तो इस बचपने को जीने के लिए फिर से वही घर, गलियां मिल जाए तो यह जीनत के लिए किसी जन्नत से कम नहीं। आमिर कहते हैं, "मैं अपनी मां को उनका पैतृक घर इसलिए देना चाहता हूं कि मेरी मां अपने बचपन को एक बार फिर से जिएं ।"
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
बनारस की गलियों में बीता है मां का बचपन
गौरतलब है कि जीनत का बनारस से खास रिश्ता है। उनका पूरा बचपन बनारस की गलियों में बीता है। जीनत हमेशा से बनारस जाती रहीं है, इसलिए आमिर का भी इस शहर से भावनात्मक रिश्ता बना हुआ है। आमिर ने अपनी मां के पैतृक घर को लेने की सारी फॉरमैलिटी पूरी कर ली है। आमिर 'थ्री इडियट्स' की बनारस में शूटिंग के समय से ही इसमें लगे हुए थे, लेकिन अब जाकर घर का सपना पूरा हुआ है। बनारस में मां के पैतृक घर को अपने कब्जे में लेना हमेशा से आमिर का सपना रहा है।
'चाहता हूं, मां फिर से बचपन को जिएं'
आमिर का यह तोहफा जीनत के लिए उनके जीवन के सबसे अनमोल तोहफों में से एक होगा। 80 की उम्र में इंसान एक बार फिर से बच्चा बन जाता है तो इस बचपने को जीने के लिए फिर से वही घर, गलियां मिल जाए तो यह जीनत के लिए किसी जन्नत से कम नहीं। आमिर कहते हैं, "मैं अपनी मां को उनका पैतृक घर इसलिए देना चाहता हूं कि मेरी मां अपने बचपन को एक बार फिर से जिएं ।"
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)