अनु अग्रवाल ने योग और अध्यात्म की तरफ रुख़ कर लिया
मुंबई:
1990 की फिल्म 'आशिक़ी' तो आपको याद ही होगी। इस फिल्म की हीरोइन अनु अग्रवाल हाल ही में अपनी आत्मकथा 'Anusual' सबके सामने लेकर आई हैं। इस किताब के विमोचन पर उनकी पहली फिल्म के निर्देशक महेश भट्ट भी मौजूद थे जिन्होंने इस आत्मकथा को लिखने के लिए अनु की हिम्मत दी।
महेश भट्ट ने कहा 'मैं अनु के साहस की दाद देता हूं। अपनी आपबीती को इस तरह किताब में ढालना काफी बहादुरी का काम है। आज जो कुछ भी तुम कर रही हो वो काफी संतोषजनक है। खुशनसीब हूं कि आज मैं यहां खड़े होकर उस अनोखी लड़की के बारे में बात कर रहा हूं जो मेरी जिंदगी में आई और ऐसी फिल्म का हिस्सा बनी जिसे आज भी इस देश के लोग भुला नहीं पाए हैं।' भट्ट कहते हैं 'जब अनु ने फिल्मों की दुनिया में कदम रखा था तब वह इस इंडस्ट्री के पैमानों के हिसाब से वाकई में अनोखी और अलग थी।'
गौरतलब है कि अपनी फिल्म 'द रिटर्न ऑफ ज्वैल थीफ' के बाद अनु बड़े पर्दे से गायब हो गईं और उन्होंने योग और अध्यात्म की तरफ रुख़ कर लिया। 1999 में अनु एक जानलेवा दुर्घटना का शिकार हुईं जिसके बाद वह 29 दिन कोमा में रहीं। इस हादसे से बाहर निकलना कितना मुश्किल था इसका ज़िक्र भी अनु ने अपनी किताब में किया है।
किताब के विमोचन पर भट्ट ने कहा 'ये लड़की मौत के मुंह से बाहर निकली है। लेकिन मेरे लिए चौंकाने की बात ये है कि किस तरह इतने मुश्किल वक्त के बाद इसने अपनी जिंदगी को एक अच्छा मोड़ दिया। तुम पर जो गुजरी है वो हमारी फिल्मों की कहानियों से कहीं ज्यादा मजबूत हैं। उम्मीद है तुम्हारी आने वाली जिंदगी में भी तुम्हारी हिम्मत हमें ऐसे ही चकित करती रहे।'
इस मौके पर 'आशिक़ी' की पूरी टीम एक बार फिर साथ में नज़र आई। फिल्म के हीरो राहुल रॉय और दीपक तिजोरी भी अनु की पहली किताब के मौके पर मौजूद थे।
महेश भट्ट ने कहा 'मैं अनु के साहस की दाद देता हूं। अपनी आपबीती को इस तरह किताब में ढालना काफी बहादुरी का काम है। आज जो कुछ भी तुम कर रही हो वो काफी संतोषजनक है। खुशनसीब हूं कि आज मैं यहां खड़े होकर उस अनोखी लड़की के बारे में बात कर रहा हूं जो मेरी जिंदगी में आई और ऐसी फिल्म का हिस्सा बनी जिसे आज भी इस देश के लोग भुला नहीं पाए हैं।' भट्ट कहते हैं 'जब अनु ने फिल्मों की दुनिया में कदम रखा था तब वह इस इंडस्ट्री के पैमानों के हिसाब से वाकई में अनोखी और अलग थी।'
गौरतलब है कि अपनी फिल्म 'द रिटर्न ऑफ ज्वैल थीफ' के बाद अनु बड़े पर्दे से गायब हो गईं और उन्होंने योग और अध्यात्म की तरफ रुख़ कर लिया। 1999 में अनु एक जानलेवा दुर्घटना का शिकार हुईं जिसके बाद वह 29 दिन कोमा में रहीं। इस हादसे से बाहर निकलना कितना मुश्किल था इसका ज़िक्र भी अनु ने अपनी किताब में किया है।
किताब के विमोचन पर भट्ट ने कहा 'ये लड़की मौत के मुंह से बाहर निकली है। लेकिन मेरे लिए चौंकाने की बात ये है कि किस तरह इतने मुश्किल वक्त के बाद इसने अपनी जिंदगी को एक अच्छा मोड़ दिया। तुम पर जो गुजरी है वो हमारी फिल्मों की कहानियों से कहीं ज्यादा मजबूत हैं। उम्मीद है तुम्हारी आने वाली जिंदगी में भी तुम्हारी हिम्मत हमें ऐसे ही चकित करती रहे।'
इस मौके पर 'आशिक़ी' की पूरी टीम एक बार फिर साथ में नज़र आई। फिल्म के हीरो राहुल रॉय और दीपक तिजोरी भी अनु की पहली किताब के मौके पर मौजूद थे।
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