गज़ल गायक गुलाम अली
मुंबई:
शिवसेना ने मुंबई में इस शुक्रवार को पाकिस्तानी गजल गायक उस्ताद गुलाम अली के प्रस्तावित संगीत कार्यक्रम को बाधित करने की धमकी दी थी, जिसके बाद कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि कार्यक्रम के आयोजक बुधवार की शाम शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिले, जिसके बाद कार्यक्रम को रद्द किए जाने का फैसला किया गया। कार्यक्रम रद्द होने के बाद गुलाम अली ने एनडीटीवी से कहा, मैं नाराज नहीं हूं, बहुत आहत हूं। भारत में मुझे हमेशा प्यार मिला।
शिवसेना की फिल्म शाखा, चित्रपट सेना के अध्यक्ष आदेश बांदेकर ने कहा, "हमने माटुंगा के षणमुखानंद प्रेक्षागृह के अधिकारियों से मुलाकात की और 9 अक्टूबर को प्रस्तावित कार्यक्रम रद्द करने के लिए कहा है। यह हमारे विरोध की शैली है।"
आदेश बांदेकर ने कहा कि इसके अलावा पार्टी दिवंगत गायक जगजीत सिंह की चौथी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि स्वरूप 10 अक्टूबर को पुणे में प्रस्तावित इसी तरह के संगीत कार्यक्रम का भी विरोध करेगी और उसे रोकेगी। दिलचस्प है कि दोनों संगीत कार्यक्रम पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया में चर्चा के विषय बने हुए हैं।
गुलाम अली के कार्यक्रम का विरोध करने के शिवसेना के रुख से असहमति जताते हुए केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे 'अनुचित' बताया और कहा कि शांति का दूत किसी सीमा में बंधा नहीं होता।
नकवी ने कहा, यह उचित नहीं है। गुलाम अली शांति के दूत हैं। शांति के ऐसे दूत पर सीमाओं का बंधन नहीं होना चाहिए। जो लोग शांति का संदेश देते हैं, उनके लिए सीमाएं तय नहीं करनी चाहिए। (इनपुट एजेंसी से)
शिवसेना की फिल्म शाखा, चित्रपट सेना के अध्यक्ष आदेश बांदेकर ने कहा, "हमने माटुंगा के षणमुखानंद प्रेक्षागृह के अधिकारियों से मुलाकात की और 9 अक्टूबर को प्रस्तावित कार्यक्रम रद्द करने के लिए कहा है। यह हमारे विरोध की शैली है।"
आदेश बांदेकर ने कहा कि इसके अलावा पार्टी दिवंगत गायक जगजीत सिंह की चौथी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि स्वरूप 10 अक्टूबर को पुणे में प्रस्तावित इसी तरह के संगीत कार्यक्रम का भी विरोध करेगी और उसे रोकेगी। दिलचस्प है कि दोनों संगीत कार्यक्रम पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया में चर्चा के विषय बने हुए हैं।
गुलाम अली के कार्यक्रम का विरोध करने के शिवसेना के रुख से असहमति जताते हुए केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे 'अनुचित' बताया और कहा कि शांति का दूत किसी सीमा में बंधा नहीं होता।
नकवी ने कहा, यह उचित नहीं है। गुलाम अली शांति के दूत हैं। शांति के ऐसे दूत पर सीमाओं का बंधन नहीं होना चाहिए। जो लोग शांति का संदेश देते हैं, उनके लिए सीमाएं तय नहीं करनी चाहिए। (इनपुट एजेंसी से)