बॉलीवुड अभिनेता सदाशिव अमरापुरकर का 64 साल की उम्र में आज निधन हो गया । वह फेफड़ों के संक्रमण से पीड़ित थे और उनका कोकिला बेन धीरूभाई अंबानी अस्तपाल में इलाज चल रहा था।
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार अहमदनगर जिले में उनके पैतृक स्थल में किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर संवेदना जताई है। मोदी ने ट्विटर पर लिखा, हम सदाशिव अमरापुरकर को बहुमुखी प्रतिभा के धनी तथा सभी पीढ़ियों के बीच लोकप्रिय अभिनेता के रूप में याद करेंगे। उनकी आत्मा को शांति मिले। मैं उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना जाहिर करता हूं।
अमरापुरकर को दो बार फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। 1984 में उन्हें ‘अर्ध सत्य’ में सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार की भूमिका के लिए पुरस्कार से नवाज़ा गया, जबकि 1991 में उन्हें ‘सड़क’ फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ खलनायक का पुरस्कार मिला था।
उन्होंने ‘आंखें’ ‘इश्क’, ‘कुली नंबर 1’ और ‘गुप्त : द हिडन ट्रुथ’ सहित कई फिल्मों में काम किया था। बाद में उन्होंने अपना ध्यान मराठी फिल्मों पर केंद्रित कर दिया था।
अमरापुरकर 2012 में आई ‘ बांबे टॉकीज़’ फिल्म में अंतिम बार दिखे थे। वह पिछले कुछ सालों से सिर्फ चुनिंदा फिल्में ही कर रहे थे और सामाजिक कार्यों में ज्यादा रुचि ले रहे थे।
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