World Population Day : दुनिया की आबादी के बारे में जानें 10 ज़रूरी बातें (प्रतीकात्मक तस्वीर)
World Population Day 2022 : वैश्विक जनसंख्या विस्फोट की समस्या से निपटने के लिए 1989 से 11 जुलाई को हर साल “विश्व जनसंख्या दिवस” (World population day) के तौर पर आयोजित किया जाता है. इस साल का थीम है, " 8 अरब लोगों की दुनिया : साझा भविष्य की ओर – अवसरों का लाभ उठाते हुए और अधिकारों और चुनने की आजादी को सुनिश्चित करते हुए
10 बातें जो आपको बताएंगी कि दुनिया में आबादी की सबसे बड़ी समस्याएं क्या हैं
- कम से कम 85% वैश्विक जनसंख्या इंसानी कारणों से हुए क्लाइमेट चेंज (climate change) से प्रभावित है. वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने मौसम से जुड़ी 1 लाख घटनाओं की स्टडी कर यह पता किया है.
- दुनिया की जनसंख्या 2050 तक 9.9 बिलियन पहुंच जाएगी. एसडीजी नॉलेज हब की 2020 की विश्व जनसंख्या डेटा शीट यह पहती है.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया की 10% जनसंख्या खाने-पीने की बीमारियों से प्रभावित है.
- साल 2050 में इथोपिया और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो दुनिया के दस सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों में पहुंच जाएंगे. और भारत-ब्राजील जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएंगे.
- संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि विश्व की जनसंख्या इस सदी के आखिर तक 10.9 बिलियन की चरमसीमा पर पहुंच जाएगी. हालांकि कुछ समूहों का कहना है कि दुनिया की जनसंख्या का सबसे अधिक स्तर उससे पहले ही साल 2070 में 9.7 अरब लोगों के साथ आ जाएगा. इसके बाद दुनिया की जनसंख्या कम होगी.
- दुनिया की लगभग सारी जनसंख्या (99%) WHO की वायु गुणवत्ता की सीमा से खराब हवा में सांस लेती है. फिलहाल 117 देशों में 6000 शहरों में वायु गुणवत्ता नापी जाती है.
- संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट कहती है कि बढ़ती जनसंख्या के कारण शहरीकरण तेजी से हो रहा है और "रेत का संकट" पैदा हो गया है और इस पर तुरंत रोक लगाने की जरूरत होगी. दुनिया में रेत की मांग 50 बिलियन टन प्रति वर्ष पर पहुंच गई है. इसका अर्थ 17 किलोग्राम रेत प्रति व्यक्ति प्रति दिन हुआ. इससे नदियों, समुद्री किनारों को नुकसान पहुंच रहा है और इससे छोटे द्वीप गायब हो रहे हैं.
- कनाडा की जनसंख्या कोरोना के बावजूद G7 देशों में सबसे तेजी से बढ़ रही है.
- दुनिया की जनसंख्या करीब 8 बिलियन पहुंच गई है. 21वीं सदी में दुनिया की जनसंख्या का तेजी से बढ़ना उतनी बढ़ी समस्या नहीं है जितनी बड़ी समस्या दुनिया में अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ना है.
- दुनिया में केवल 2-4% लोग जिस देश में पैदा होते हैं, वहां से बाहर रहते हैं. लेकिन संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 2000 से 2020 के बीच अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों और शरणार्थियों की संख्या 17 बिलियन से दुगनी होकर 34 मिलियन पहुंच गई है. (यह यूक्रेन युद्ध से पहले के आंकड़े हैं.)