सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने पर राजस्थान में 'भारत जोड़ो यात्रा' को रोकने की एक समुदाय के नेता की धमकी के घंटों बाद, सचिन पायलट के करीबी सूत्रों ने उस नेता के बयान से खुद को अलग कर लिया है. सूत्रों ने सवाल किया कि, "राहुल गांधी की यात्रा को नुकसान क्यों?"
गुर्जर नेता विजय सिंह बैंसला ने एक वीडियो बयान में चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा, "मौजूदा कांग्रेस सरकार के चार साल पूरे हो गए हैं और एक साल बचा है. अब सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए. अगर ऐसा होता है, तो आपका (राहुल गांधी) स्वागत है. नहीं तो हम विरोध करेंगे।"
उनके करीबी सूत्रों ने कहा, "सचिन पायलट को नुकसान पहुंचाने के लिए विवाद खड़ा किया जा रहा है." सचिन पायलट ने संवाददाताओं से कहा, "भाजपा यात्रा को बाधित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन जनता बेहतर जानती है."
सचिन पायलट गुट के माने जाने वाले बैंसला ने उस दिन ये मांग उठाई थी, जिस दिन कांग्रेस नेता सचिन पायलट को महाराष्ट्र में राहुल गांधी के साथ यात्रा में शामिल होना था.
NDTV से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि उनके पास कोई विकल्प नहीं था. कांग्रेस सरकार 2019 में समुदाय के साथ एक समझौते से मुकर गई थी, जिसमें कोटा का वादा शामिल था. बैंसला ने कहा, "एक गुर्जर मुख्यमंत्री के बिना पूरा समुदाय पीड़ित है. आप हमारी पीठ ठोंक रहे हैं. हम कह रहे हैं कि इसे अभी पूरा करें."
गुर्जर नेता ने कहा, "हम किसी को फिरौती के लिए नहीं पकड़ रहे हैं, लेकिन हम कब तक इंतजार करेंगे? हम टकराव या टकराव की ओर क्यों बढ़ रहे हैं? आप लोगों की इच्छाओं और आकांक्षाओं पर पानी फेर रहे हैं."
बैंसला की धमकी कांग्रेस के बड़े संकट की ओर इशारा कर रही है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तनाव, जो न केवल राहुल गांधी को उनकी 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान शर्मिंदा करने की धमकी देता है, बल्कि पार्टी को भी नुकसान पहुंचाता है, क्योंकि राजस्थान में अगले साल चुनाव होना है.
हाल ही में, सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री को खुली चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस को अशोक गहलोत के वफादारों को दंडित करना चाहिए, जिन्होंने सितंबर में पार्टी की अवहेलना की थी.
पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री पद से अशोक गहलोत के हटने से इनकार करने के बाद सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने की एक और संभावना खत्म हो गई थी. गहलोत के वफादार 90 से अधिक विधायकों ने एक साथा पार्टी छोड़ने की धमकी दी थी.
भाजपा पहले ही राहुल गांधी के अभियान का मजाक उड़ाते हुए कह चुकी है कि उन्हें पहले "कांग्रेस जोड़ो यात्रा" निकालनी चाहिए.
कांग्रेस को कम से कम राहुल गांधी की खातिर राजस्थान में तनाव की उम्मीद नहीं थी.