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इन 10 कारणों से वेंकैया नायडू को बीजेपी ने बनाया उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार

देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सोमवार शाम को बैठक कर अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है.

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वेंकैया नायडू को राज्यसभा का गहन अनुभव है, वह संसदीय कार्यमंत्री भी रहे हैं...
नई दिल्ली:

देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सोमवार शाम को बैठक कर अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने उन्हें कई सियासी वजहों को ध्यान में रखते हुए उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना है. वेंकैया को कई अनय दलों का भी समर्थन प्राप्त है, खास करके दक्षिण भारत की पार्टियों का. बीजेपी का मानना है कि नायडू उपराष्ट्रपति के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन अच्छी तरह से करेंगे.

  1. वेंकैया नायडू को राज्यसभा का गहन अनुभव है. वह संसदीय कार्यमंत्री भी रहे हैं. देश के पूर्व के अन्य सभी उपराष्ट्रपतियों के मुकाबले वेंकैया के पास ज्यादा अनुभव है.
  2. बचपन से आरएसएस से जुड़े रहे हैं. आपातकाल में मीसाबंदी. पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं.
  3. अन्य पार्टी के नेताओं से अच्छे रिश्ते हैं. सदन चलाने की क्षमता है. मोदी सरकार के संकटमोचक की छवि है. संसदीय कार्यमंत्री होने के नाते संसदीय नियमों की जानकारी है.
  4. वह 1998 से राज्यसभा के सदस्य हैं. वेंकैया नायडू ने कर्नाटक, राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया है. इस तरह से उन्होंने दक्षिण भारत के साथ-साथ उत्तर भारत का भी प्रतिनिधित्व किया.
  5. अगर वेंकैया जीते तो वह पहले ऐसे उपराष्ट्रपति होंगे जो संसदीय कार्यमंत्री भी रहे हैं.
  6. इस तरह से नायडू का नामांकन दिखाता है कि मोदी सरकार ने उपराष्ट्रपति पद की भावना और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए ही उनका चुनाव किया था. खास करके राज्यसभा में उनकी भूमिका को ध्यान में रखा गया.
  7. मोदी सरकार ने पारस्परिक संघवाद और स्वस्थ संसदीय कार्यप्रणाली के महत्व को भी दर्शाया है. नायडू की बेदाग छवि से भी उम्मीदवारी को बल मिला.
  8. किसान के बेटे नायडू बहुत ही जमीनी नेता है. वह विधायक भी रह चुके हैं. शहरी एवं ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में उन्होंने अच्छा काम किया है.
  9. बीजेपी के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रहे हैं. इस तरह से उनके पास राजनीतिक, विधायी और प्रशासनिक अनुभव है.  
  10. नायडू को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवर बनाकर बीजेपी ने एक अच्छी परंपरा को आगे बढ़ाया है जिनके पास राज्य और केंद्र में काम करने का अनुभव है. इससे पहले बीजेपी ने भैरों सिंह शेखावत को वर्षों पूर्व उपराष्ट्रपति नामांकित किया था जिनके पास इसी तरह का अनुभव था. 

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