कानूनी चुनौती मिलने की आशंका में टाटा ग्रुप कोर्ट में, साइरस ने कहा- बेकार की फिक्र है : 10 नए मोड़

कानूनी चुनौती मिलने की आशंका में टाटा ग्रुप कोर्ट में, साइरस ने कहा- बेकार की फिक्र है : 10 नए मोड़

अब टाटा संस के अंतरिम चेयरमैन हैं रतन टाटा, साइरस मिस्त्री सोमवार को हटाए गए थे.. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: टाटा ग्रुप ने बॉम्बे हाई कोर्ट और नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में कैविएट दाखिल की है. साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद उनके द्वारा कानूनी कार्रवाई की संभावना के मद्देनजर ग्रुप ने यह कैविएट फाइल किया है ताकि ग्रुप के खिलाफ उनका पक्ष सुने बिना कोई कानूनी आदेश जारी न किया जाए.

साइरस मिस्त्री, टाटा संस और इस पूरे विवाद से जुड़े हालिया 10 मोड़ इस प्रकार हैं

  1. साइरस मिस्त्री ने उन रिपोर्ट्स का खंडन किया है जिनमें कहा गया है कि वह भी कानूनी कदम उठा चुके हैं. उनके ऑफिस की ओर से दी गई इस जानकारी में कहा गया- टाटा ग्रुप ने साइरस मिस्त्री की ओर से कानूनी कार्रवाई की आशंका के चलते कैविएट फाइल किया है. वह (साइरस मिस्त्री) यह पहले ही कह चुके हैं कि इस स्तर पर ये चिंताएं गलत हैं.

  2. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने का ऐलान टाटा संस ने किया था. सोमवार को बोर्ड मीटिंग में यह फैसला लिया गया. इसके बाद मंगलवार को टाटा ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में गिरावट भी दर्ज की गई.

  3. सूत्रों के मुताबिक, बोर्ड मीटिंग में मिस्त्री ने उन्हें हटाए जाने के कदम को गैर कानूनी कहा था. उन्होंने उस वक्त यह भी कहा था कि उन्हें टाटा रूल बुक के मुताबिक उन्हें अपनी बात रखने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए था.

  4. कथित तौर पर उन्होंने यह भी कहा था कि वह बोर्ड के इस फैसले को चुनौती देंगे. यह उन्होंने तब कहा था जब बोर्ड ने उन्हें कहा कि उन्हें हटाए जाने का फैसला 'कानून सम्मत' हैं.

  5. टाटा बोर्ड का साइरस मिस्त्री को हटाए जाने का फैसला उसके अधिकारक्षेत्र में आता है- यह बात मोहन पराशरन ने कही, जोकि उन टॉप वकीलों में से एक हैं जिनसे टाटा ग्रुप ने परामर्श किया था. मोहन ने यह बात एनडीटीवी से कही उन्होंने यह भी कहा, 'टाटा बोर्ड के पास साइरस को हटाए जाने के लिए  बहुमत की आवश्यकता थी जोकि उनके पास था ही.'

  6. वकील ने बताया मिस्त्री को उनके हटाए जाने की सूचना बोर्ड मीटिंग से पूर्व दे दी गई थी. यह सूचना उन्हें तब दी गई जब डायरेक्टर्स- रतन टाटा और नितिन नोहरिया- ने उनसे प्राइवेट मीटिंग की थी. इस मीटिंग के जरिए वह उन्हें खुद ही पद छोड़ देने के लिए राजी कर लेना चाहते थे. नितिन नोहरिया हार्वर्ड बिजनस स्कूल के डीन हैं.

  7. मशूहर बॉम्बे हाउस ऑफिस में मंगलवार को रतन टाटा, ग्रुप के अन्य टॉप सीईओज़ से मिले. रतन टाटा ग्रुप के अंतरिम चेयरमैन रहेंगे और उस समिति में भी रहेंगे जो साइरस का रिप्लेसमेंट (बतौर चेयरमैन) तलाशेगी.  समिति को चार महीने का वक्त दिया गया है.

  8. इन सीईओ से करीब 25 मिनट चली मुलाकात में रतन टाटा ने कहा कि नेतृत्व में परिवर्तन को लेकर उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्हें केवल कारोबार पर फोकस करना चाहिए और अपनी कंपनियों को मार्केट लीडर बनाने की दिशा में जुटे रहना चाहिए.

  9. रतन टाटा ने कहा कि उन्होंने अंतरिम चेयरमैन का पद स्थायित्व और निरंतरता के लिए लिया है. 78 साल के रतन टाटा ने कहा कि- यह (उनका चेयरमैन पद पर होना) थोड़े समय के लिए ही है. स्थायी नेतृत्व जल्द ही मिलेगा. बता दें कि टाटा 21 साल तक ग्रुप के चेयरमैन रहे हैं.

  10. शापूरजी पालोनजी ग्रुप का कंस्ट्रक्शन का कारोबार है जोकि टाटा संस में करीब 18 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं. बता दें कि साइरस कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में बने रहेंगे.