
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी का 85 वां अधिवेशन चल रहा है. अधिवेशन में पार्टी की तरफ से आगे की रणनीति तैयार की जा रही है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा से लेकर देश के ताजा हालात पर चर्चा की. उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सभी संस्थाओं पर कब्जा कर लिया है और विपक्ष की आवाज दबाने के साथ नफरत की आग भड़काई जा रही है. साथ ही उन्होंने राजनीति से सन्यास लेने का संकेत भी इस अधिवेशन में दिया.
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने शनिवार को राजनीति से अपने संन्यास की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह खुश हैं कि उनकी "पारी भारत जोड़ो यात्रा के साथ समाप्त हो सकती है." उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा को पार्टी के लिए "एक महत्वपूर्ण मोड़" बताया.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 15,000 प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, सोनिया गांधी ने कहा, "मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि मेरी पारी भारत जोड़ो यात्रा के साथ समाप्त हो सकती है. यात्रा एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में आई है. इसने साबित कर दिया है कि भारत के लोग सद्भाव, सहिष्णुता और समानता चाहते हैं.
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाधिवेशन में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सभी संस्थाओं पर कब्जा कर लिया है और विपक्ष की आवाज दबाने के साथ नफरत की आग भड़काई जा रही है.
सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि बीजेपी नफरत की आग भड़का रही है तथा अल्पसंख्यकों, दलितों, आदिवासियों और महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है.
अध्यक्ष के तौर पर अपनी पारी का उल्लेख करते हुए कहा, 'यह मेरे लिए सम्मान की बात थी कि मैंने वर्ष 1998 में कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाला. 25 वर्षों में पार्टी ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की और निराशा भी हाथ लगी.'
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी का महाधिवेशन आरंभ होने के बाद शुक्रवार को कहा था कि दलित, आदिवासी, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अल्पसंख्यक समुदाय, महिला और युवाओं को प्रतिनिधित्व देना उनकी पार्टी का लक्ष्य है.
राहुल गांधी ने कहा था कि देश में बने नफ़रत और कट्टरता के माहौल के ख़िलाफ हम लड़ते रहेंगे. गरीबों, किसानों, मज़दूरों और वंचितों की आवाज़ हम उठाते रहेंगे। जन-जन तक हम कांग्रेस का ये संदेश पहुंचाएंगे.
कांग्रेस का तीन दिवसीय महाधिवेशन बृहस्पतिवार को आरंभ हुआ। पार्टी की संचालन समिति ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों का चुनाव नहीं होगा, बल्कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सदस्यों को नामित करने के लिए अधिकृत होंगे.
कांग्रेस के संविधान में संशोधन का प्रस्ताव भी दिया गया जिसके तहत पार्टी के संगठन में सभी स्तर पर अनूसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, महिलाओं, युवाओं और अल्पसंख्यक समुदाय के लिए 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व सुनिश्चित और सुरक्षित किया जाना है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महाधिवेशन शुरू होने के बाद शुक्रवार को पार्टी की संचालन समिति के सदस्यों से कहा कि वे कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के चुनाव के संदर्भ में खुलकर अपनी बात ररखें और सामूहिक रूप से फैसला करें.