राजस्थान के उप मुख्यमंत्री बने सचिन पायलट के बारे में 5 अहम बातें

राजस्थान में अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है उनके साथ सचिन पायलट ने भी शपथ लिया है. उनको उप मुख्यमंत्री बनाया गया है.

राजस्थान के उप मुख्यमंत्री बने सचिन पायलट के बारे में 5 अहम बातें

सचिन पायलट (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: राजस्थान में अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है उनके साथ सचिन पायलट ने भी शपथ लिया है. उनको उप मुख्यमंत्री बनाया गया है. राजस्थान में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीच का रास्ता निकालते हुए तय किया है कि अशोक गहलोत को सीएम और सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री बनाया. हालांकि दोनों के समर्थकों के बीच जमकर नारेबाजी हुई. सचिन पायलट के एक समर्थक ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा है कि अगर पायलट को सीएम नहीं बनाया गया तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है. आपको बता दें कि सचिन पायलट ने उमर अब्दुल्ला की बेटी सारा से प्रेम विवाह किया था. बताया जाता है कि सारा ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर सचिन से शादी की थी. दोनों की मुलाकात विदेश में हुई थी. सचिन पायलट ने इस बार टोंक विधनासभा सीट से चुनाव जीता है. चार साल पहले राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष का पद संभाला था. उनके सामने पस्त पड़ी कांग्रेस में फिर से जान फूंकने की बड़ी चुनौती थी. पायलट ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया और लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस को दो सीटें जिताकर अपने तेवर दिखा दिए.

5 बड़ी बातें

  1. सचिन पायलट का जन्म 7 सितंबर 1977 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुआ था. उनके पिता राजेश पायलट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्र में मंत्री थे. साल 2004 में उन्होंने सारा अब्दुल्ला से शादी और उनके दो बेटे हैं.

  2. सचिन पायलट दिल्ली के सेंट स्टीफेंस से ग्रेजुएशन किया है उन्होंने गाजियाबाद की आईएमटी और अमेरिका से एमबीए की डिग्री ली है.

  3. सचिन पायलट ने बीबीसी के दिल्ली ऑफिस से भी कुछ दिन जुड़े रहे और फिर जनरल मोटर्स में भी नौकरी की.

  4. साल 2004 में वह 14वीं लोकसभा के लिए चुन गए. 26 साल की उम्र में वह सबसे युवा सांसद चुने गए. साल 2009 में भी वह 1वीं लोकसभा के लिए चुने गए. 

  5. साल 2004 में गृहमंत्रालय की संसदीय समिति के सदस्य बने. साल 2006 में उड्डयन मंत्रालय की सलाहकार समिति की सदस्य बने. साल 2009 में सचिन पायलट को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया. इसके बाद उनको साल 2012 में कारपोरेट मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री बने.