नई दिल्ली:
होटलों और एयरलाइंस कंपनियों की तर्ज पर भारतीय रेलवे भी टिकटों की बुकिंग पर छूट देने की तैयारी में है. इसके तहत रेलगाड़ी के पूरा बुक नहीं होने पर रेलवे टिकट में छूट दे सकती है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने फ्लेक्सी किराये में पूरी तरह से सुधार करने के संकेत देते हुए यह बात कही है. गोयल की यह टिप्पणी फ्लेक्सी किराये स्कीम की समीक्षा के लिए छह-सदस्यीय समिति के गठन के बाद आई. वरिष्ठ अधिकारियों के एक दिवसीय सम्मेलन के बाद गोयल ने कहा, हम डायनामिक मूल्य निर्धारण के तहत एक मॉडल का अध्ययन कर रहे हैं, जिसमें हम ट्रेन के टिकटों पर भी उसी तरह छूट देंगे, जिस तरह हवाई टिकटों में दी जाती है.
रेलवे के फ्लेक्सी किराए में होगा सुधार
- पीयूष गोयल ने कहा, अभी तक हमारा ध्यान कीमतें न बढ़ें, इस पर था, लेकिन मैं इससे आगे जाना चाहता हूं. मैं ऐसी संभावना तलाश रहा हूं कि अगर ट्रेन की सीटें नहीं भरे तो एयरलाइंस कंपनियों की तरह किराये में रियायत दी जा सके.'
- रेल मंत्री का कहना था कि होटलों में जिस प्रकार किसी को अंतिम क्षण में टिकट बुक करते समय छूट मिलती है, उसी प्रकार कम यात्री वाले रेल मार्गों पर ट्रेन के टिकटों में भी छूट होनी चाहिए.
- गोयल ने कहा, जैसे होटलों में डायनामिक प्राइसिंग है. सबसे पहले कीमतें कम... फिर बाद में कीमतें बढ़ती जाती है और बाद में बचे कुछ कमरों पर बुक माय होटल और अन्य वेबसाइटों के माध्यम से छूट की पेशकश होती है.
- गोयल ने कहा, हम इसकी संभावना पर विचार कर रहे हैं. चूंकि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी एयर इंडिया से आए हैं, इसलिए वह इसका अध्ययन कर रहे हैं. हम इसमें लोहानी की विशेषज्ञता का इस्तेमाल करेंगे.
- उन्होंने कहा कि फ्लेक्सी फेयर का मतलब रेल टिकटों की कीमतों में सिर्फ वृद्धि ही क्यों हो.
- रेल मंत्री ने कहा कि 2018 में यात्री सुरक्षा पर खास तौर पर ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने कहा, हम अपने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं और हम ट्रेनों में इंटरनेट कनेक्टिविटी और सीसीटीवी मुहैया करवाने पर विचार कर रहे हैं.
- उन्होंने बताया कि पूरे भारत में सभी ट्रेनों में सीसीटीवी लगाने पर विचार-विमर्श चल रहा है. रेलवे सभी स्टेशनों पर वाईफाई की सुविधा देगी.
- रेल परिसंपत्तियों की पूरी क्षमता का उपयोग करने के संबंध में रेलमंत्री ने कहा कि उनका इरादा एयरलाइन की तरह रेलवे की परिसंपत्तियों का इस्तेमाल करना है.
- रेल मंत्री ने कहा, एयरलाइनों में हम देखते हैं कि विमान का रखरखाव कार्य 30 मिनट में पूरा हो जाता है और वह अगली यात्रा के लिए तैयार रहता है. इस प्रकार हम रेलवे रैकों को पूरी तरह उपयोग में लाना चाहते हैं.
- रेलमंत्री ने कहा कि उदाहरण के तौर पर यदि 11 घंटे की यात्रा के बाद राजधानी मुंबई पहुंचती है तो रैक को 22 टीमें मिलकर 30 मिनट में दूसरी यात्रा के लिए तैयार कर सकती हैं. मुंबई से राजधानी की वापसी के समय के बीच दो-तीन घंटे के लिए उस रैक उपयोग किया जा सकता है. (इनपुट एजेंसियों से)