
राहुल गांधी आज देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की कमान संभाल लिया है. उनको इस पद के लिए निर्विरोध चुना गया था. राहुल गांधी ने 4 दिसंबर को इस पद के चुनाव में नामांकन किया था. राहुल के पक्ष में 86 लोगों ने प्रस्ताव किया था और 11 दिसंबर को उनके निर्विरोध चुने जाने की घोषणा की गई. राहुल की ताजपोशी की सबसे खास बात यह है कि उनको अध्यक्ष बनाने का फैसला ऐसे समय लिया गया था जब वह गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए अहम लड़ाई लड़ रहे थे. कांग्रेस में यह फैसला क्यों किया गया, इसको लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं. वैसे भी एग्जिट पोल के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में नही हैं.
कांग्रेस में हो रहे बदलाव पर 10 बड़ी बातें
कांग्रेस की सबसे वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से जब एनडीटीवी ने पूछा कि शनिवार को राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी में आपका रोल क्या होगा तो उन्होंने कहा कि वह रिटायर होने की भूमिका में हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस संसदीय पार्टी की चेयरपर्सन रहेंगी तो उन्होंने कहा कि उनकी भूमिका रिटायर होने की है.
कांग्रेस के नेताओं से बधाई लेते वक्त सोनिया गांधी ने कहा कि पिछले तीन सालों से राहुल गांधी पार्टी में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और पार्टी के सभी महत्वपूर्ण फैसलों में अहम भूमिका निभा रहे हैं. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से जब सवाल पूछे गए तो वह खामोश रहे. राहुल शनिवार को अधिकारिक रूप से कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालेंगे.
सोनिया गांधी के रिटायरमेंट वाली बात कहने के बाद से इस बात की चर्चा की जा रही है कि रायबरेली सीट से अब कौन लोकसभा का चुनाव लड़ेगा. इसकी चर्चा रायबरेली में भी है...कयास लगाया जा रहा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा इस सीट से नई दावेदारी हो सकती हैं. हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि राहुल गांधी भी उम्मीदवार हो सकते हैं.
गुजरात चुनाव के बीच में राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने के पीछे कांग्रेस का बड़ा दांव माना जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस गुजरात चुनाव जीते या हारे फायदा राहुल गांधी को ही होगा.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि राहुल गांधी कांग्रेस के डार्लिंग हैं और वह पार्टी की महान परंपरा को आगे बढ़ाएंगे. पंजाब के सीएम कैप्टन अमिरंदर सिंह ने कहा कि अगर आप मुझसे पूछेंगे तो मैं सोचता हूं कि वह देश के एक अच्छे प्रधानमंत्री बनेंगे.
2004 में राहुल ने राजनीति में शुरुआत की और अमेठी से लोकसभा चुनाव जीता. साल 2012 में यूपी चुनाव में नेतृत्व किया, सिर्फ 28 सीटें जीतीं. 2013 में कांग्रेस के उपाध्यक्ष बनाए गए. उसी साल दाग़ियों पर आए अध्यादेश को बेकार बताकर पार्टी को शर्मिंदा कर डाला. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की लेकिन 44 पर ही कांग्रेस सिमट गई.
साल 2015 में सूट-बूट की सरकार कहकर मोदी सरकार पर निशाना साधा ये बयान काफी चर्चा में रहा. साल 2015 में ही बिहार में महागठबंधन किया और जीत मिली. साल 2017 में 5 में से 4 राज्यों में कांग्रेस हारी, यूपी में सिर्फ़ 7 सीटें मिलीं. 2017 में पंजाब में अकाली-बीजेपी गठबंधन को हराया और वहां कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार बनी.
इसी साल अमेरिका की 'बहुचर्चित यात्रा' से लौटकर आए राहुल गांधी में गजब का बदलाव दिखा. उनके भाषण में गजब की धार दिखाई दी. उन्होंने खुले तौर पर स्वीकारा कि 2014 में कांग्रेस इसलिए हारी क्योंकि पार्टी में अहंकार था.
इसके बाद तो उन्होंने ताबड़तोड़ बयान दिए और 'गब्बर सिंह टैक्स' और 'मोदी मेड डिज़ास्टर' जैसे चुटीले नारे दिये. कांग्रेस भी पहली बार सोशल मीडिया पर बीजेपी को टक्कर देती दिखाई दी. जुलाई 2017 से ट्वीटर पर 20 लाख फॉलोअर बढ़े.
राहुल के सामने अभी गुजरात चुनाव जीतने के अलावा कर्नाटक, मिज़ोरम, मेघालय, पुड्डुचेरी, हिमाचल प्रदेश प्रदेश में सरकार बनाए रखने की भी चुनौती है.