स्वच्छता अभियान में लोगों से श्रमदान की अपील करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भविष्य में इस जन आंदोलन के बारे में जब भी लिखा या पढ़ा जाएगा तो सभी स्वच्छाग्रहियों का नाम सुनहरे अक्षरों में आएगा. ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान की शुरूआत करने के बाद नरेन्द्र मोदी एप एवं वीडियो लिंक के जरिये स्वच्छाग्रहियों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारा उत्साह उफान पर है, हमारा विश्वास चरम पर है और हमारा संकल्प सिद्धि के लिए है। आप सभी श्रमदान के लिए तैयार और तत्पर हैं. प्रधानमंत्री ने ब्रह्मकुमारी संस्थान का स्वच्छाग्रह से जुड़ने के लिए आभार प्रकट किया. उन्होंने स्वच्छता अभियान से जुड़ने के लिये अभिनेता अमिताभ बच्चन, उद्योगपित रतन टाटा, श्री श्री रविशंकर, श्री सदगुरू समेत आम लोगों के प्रति आभार जताया. इस मौके पर अमिताभ बच्चन ने कहा कि चार साल पहले पीएम मोदी ने देश में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी. उसी समय मैंने भी फैसला किया कि मैं भी इसमें हिस्सा लूंगा. मैं कई अभियान में लेता रहा हूं. इसके साथ ही एनडीटीवी के अभियान "बनेगा स्वच्छ इंडिया' के तहत हमने 12 घंटे 'क्लीनथॉन' की शुरुआत की जो हर साल चलता है. मैं स्वच्छ भारत के लिये हमेशा काम करता रहूंगा.
10 बड़ी बातें
मैं आप सभी साथियों के इस प्रयास को नमन करता हूं. मां गंगा की सेवा का ये पुण्य जो आप कर रहे हैं, उसका लाभ देश को होने वाला है. गंगा किनारे बसे गांवों में खुले में शौच से मुक्ति मां गंगा की निर्मलता के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है.
गंगा हमारी संस्कृति है, विरासत है, पहचान है. मां गंगे के प्रति समर्पण और सम्मान गंगोत्री से गंगा सागर तक ना सिर्फ दिखना चाहिए, बल्कि उसे कष्ट देने की मानसिकता को दिमाग से निकालना भी चाहिए.
मैं गंगा तट पर बसे हर भाई-बहन से आग्रह करना चाहता हूं. क्या आप सभी इस स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े के दौरान मिलकर गंगा सफाई के लिए श्रमदान कर सकते हैं?
स्वच्छता का समूह भावना से बहुत निकट का संबंध है. ट्रेन के डिब्बे में लिखा होता है कि भारतीय रेल, जनता की संपत्ति है. यह इसलिए लिखा जाता हैं क्योंकि लोग अपनेपन से उस संपदा की तरफ देखें और उसका संरक्षण करें.
देश के इतने बड़े रेल नेटवर्क को स्वच्छ रखने, यात्रियों के लिए सुविधा संपन्न रखने में रेलवे के सभी कर्मचारियों की भूमिका अहम है. आज रेलवे में साफ-सफाई को लेकर जो भी सुधार देखने को मिल रहा है उसके पीछे इन सभी का योगदान है.
देशभर के स्वच्छाग्रहियों के संकल्प और समर्पण को जानने, सुनने का अनुभव अभूतपूर्व रहा. स्वच्छता के प्रति सवा सौ करोड़ देशवासियों के इस आंदोलन को पूरी दुनिया नज़दीक से देख रही है. (संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने माता अमृतानंदमयी के प्रति आभार प्रकट किया).
शौचालयों के निर्माण में उत्तर प्रदेश ने बहुत तेज गति से प्रगति की है. करीब दो वर्षों के भीतर दोगुने से भी अधिक शौचालयों का निर्माण, सच में विराट उपलब्धि है.
मुझे पूरा विश्वास है कि बहुत ही जल्दी यूपी के 22 करोड़ से अधिक जन खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर देंगे.
क्या कोई ये सोच सकता था कि भारत में 4 वर्षों में करीब 9 करोड़ शौचालयों का निर्माण हो जाएगा? क्या किसी ने ये कल्पना की थी कि 4 वर्षों में लगभग 4.5 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे?
योगी आदित्यनाथ को बधाई देता हूं कि वो गांव-गांव में साफ सफाई के अभियान से लंबे समय से जुड़े हुए हैं. पहले गोरक्षपीठ के मुखिया के नाते, जनप्रतिनिधि के तौर पर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उनका प्रयास दिख रहा है.