नई दिल्ली:
Presidential Election: महाराष्ट्र के नेता शरद पवार ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का उम्मीदवार बनने का तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी का ऑफर ठुकरा दिया. पवार ने कहा, "वे अभी भी राजनीति में सक्रिय रहना चाहते हैं."पीएम नरेंद्र की सरकार के खिलाफ अंतिम समय में एक प्रस्ताव लाने को लेकर बैठक में अराजकता की स्थिति निर्मित हो गई.
मामले से जुड़ी 10 खास बातें..
- सूत्रों के अनुसार, बैठक से पांच प्रमुख पार्टियां नदारद रहीं. इस प्रस्ताव को लेकर तनातनी का माहौल रहा जिसमें ममता पर बिना किसी पूर्व सूचना के बैठक बुलाने का आरोप लगाया गया.
- सूत्रों ने बताया कि ममता ने केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार को आड़े हाथ लेते हुए मसौदा प्रस्ताव पेश किया लेकिन अन्य पार्टियां इस बात से नाराज थीं कि इसे विचार के लिए पहले से वितरित नहीं किया गया. कई नेताओं ने कहा कि बैठक राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में बुलाई गई है न कि किसी अन्य विषय पर चर्चा के लिए.
- 16 के आसपास पार्टियों ने एनडीए के प्रत्याशी के खिलाफ विपक्ष के राष्ट्रपति प्रत्याशी का नाम तय करने के लिए 21 जून की डेडलाइन पर चर्चा की. ममता बनर्जी, शरद पवार और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे नाम को लेकर सहमति बनाने के लिए विभिन्न पार्टियों से चर्चा करेंगे.
- इससे पहले, 81 साल के एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने अपने पार्टी नेताओं के साथ बैठक में राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में उनकी उम्मीदवारी को लेकर अटकलों पर विराम लगा दिया.
- सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि कल शाम को पवार से मुलाकात करने वाली ममता ने मीटिंग शुरू होते ही एनसीपी प्रमुख के नाम का प्रस्ताव किया. जब उन्होंने (पवार ने) इनकार कर दिया तो तृणमूल प्रमुख ने गोपाल गांधी और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला के नाम का सुझाव दिया.
- राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होंगे और परिणाम 21 जुलाई को घोषित किया जाएगा. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 19 जून है.
- शरद पवार को टीएमसी, वाम दल, कांग्रेस और शिवसेना सहित कई पार्टियों समर्थन था. बैठक के बाद ममता ने कहा, "यदि पवार राजी होते हैं तो हर कोई उनका समर्थन करेगा. यदि पवारजी सहमत नहीं होते हैं तो हम चर्चा (दूसरे नामों पर )करेंगे. "
- बंगाल की सीएम ने कहा, यह केवल शुरुआत है. उन्होंने कहा कि विपक्ष को एक साथ बैठकर देश में चल रहे 'बुलडोजर' पर चर्चा करने की जरूरत है.
- पश्चिम बंगाल में ममता के प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस और वाम दलों ने बैठक में हिस्सा लिया लेकिन टीआरएस नेता और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव बैठक से नदारद रहे.अकाली दल, आम आदमी पार्टी और जगन मोहन रेड्डी की वायएसआर कांग्रेस ने भी बैठक से किनारा किया.
- बैठक से टीआरएस दूर रही. पार्टी ने कहा कि कांग्रेस के साथ कोई प्लेटफॉर्म शेयर करने का सवाल ही नहीं है. इस पार्टी के अनुसार, उसके ऐतराज के बावजूद कांग्रेस को बैठक में आमंत्रित किया गया. टीआरएस ने तेलंगाना में हाल के उपचुनावों में कांग्रेस पर बीजेपी के साथ मिलने का आरोप भी लगाया.