स्‍कॉर्पीन केस : नए दस्‍तावेज बताते हैं, कितने अहम राज हुए उजागर

स्‍कॉर्पीन केस : नए दस्‍तावेज बताते हैं, कितने अहम राज हुए उजागर

नई दिल्‍ली : स्‍कॉर्पीन पनडुब्‍बी से संबंधित जो नए दस्‍तावेज गुरुवार को जारी किए गए हैं, उनसे यह प्रमाणित होता है कि इस पनडुब्‍बी के सबसे गहरे राज उजागर हो गए हैं.

मामले से जुड़ी 10 अहम बातों पर एक नजर...

  1. पनडुब्बी के सोनार सिस्टम और उसके प्रमुख अवयवों यानी फ्लैंक एरे, सोनार इंटरसेप्ट रिसीवर, डिस्ट्रीब्यूटेड एरे और एक्टिव एरे द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली फ्रीक्‍वेंसी संबंधी सूचनाएं लीक की गई हैं. ये सभी तंत्र मिलकर पनडुब्‍बी को दुश्‍मन युद्धपोतों और पनडुब्बियों की तलाश करने और टॉरपीडो के इस्‍तेमाल से उन पर हमला करने में मददगार होते हैं.

  2. उजागर हुए नए गुप्‍त दस्‍तावेज रक्षा मंत्रालय के उस दावे का खंडन करते प्रतीत होते हैं जिसमें कहा गया था कि पनडुब्‍बी की क्षमता से संबंधित सूचनाएं उजागर नहीं हुई हैं लिहाजा कोई तात्‍कालिक सुरक्षा खामी नहीं दिखती.     

  3. दो दिन पहले स्‍कॉर्पीन पनडुब्बी के दस्तावेजों के लीक होने की खबर प्रकाशित करने वाले आस्ट्रेलिया के अखबार की वेबसाइट ने गुरुवार शाम को संवेदनशील सूचनाओं को संपादित करते हुए नई जानकारियां प्रकाशित की हैं.

  4. दस्तावेजों के माध्यम से साबित होता है कि क्‍लासीफाइड सूचनाओं के साथ समझौता किया गया है यानी इसे लीक किया गया है लेकिन यह सार्वजनिक डोमेन में नहीं है.

  5. रक्षा मंत्रालय ने पहले एक बयान में कहा था कि जारी किए हुए दस्तावेजों की जांच की गई है और अहम जानकारियों को साझा नहीं किए जाने से वे जानकारियां सुरक्षित हैं. हालांकि ऐसा खुद 'द ऑस्‍ट्रेलियन' अखबार ने किया है और संवेदनशील डाटा को संपादित करके प्रकाशित किया है. लेकिन इस बात की संभावना है कि ये दस्‍तावेज किसी और के पास भी हो सकते हैं.  

  6. छह स्कॉर्पिन पनडुब्बियों की डिजाइन फ्रांस की जहाज निर्माता डीसीएनएस ने बनाई है. इनमें से पहली पनडुब्बी के इस साल के अंत तक नौसेना में शामिल होने की संभावना है.  

  7. मंगलवार रात को द ऑस्‍ट्रेलियन अखबार ने कहा था कि उनके पास इस पनडुब्‍बी की लड़ाकू क्षमताओं को उजागर करने वाले 22 हजार पृष्ठों के गोपनीय दस्तावेज हैं. 3. 5 अरब डॉलर की लागत से इन पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है.      

  8. फ्रांस सरकार के सूत्र ने समाचार एजेंसी रॉयटर को बताया था कि डीसीएनएस से दस्तावेज लीक नहीं हुए हैं बल्कि चोरी हुए हैं. सूत्र का कहना है कि अब तक प्रकाशित जानकारी से पनडुब्बियों के ऑपरेशनल पहलुओं का ही पता चलता है.

  9. सूत्र का कहना है कि ऐसा लगता है कि ये दस्तावेज सन 2011 में चोरी हुए थे. यह चोरी फ्रांस के एक पूर्व कर्मचारी ने की जिसे भारत में पनडुब्बियों के उपयोग संबंधी प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था. बाद में उसे निकाल दिया गया.  

  10. भारत और फ्रांस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. दिल्ली ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है