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नई दिल्ली:
हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती 8 बजे से शुरू होगी. आज ये साफ हो जाएगा कि हिमाचल और गुजरात के गढ़ में कौन सी पार्टी परचम लहराने में कामयाब होती है. हिमाचल में जहां 62 सीटों के लिए 337 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा, वहीं गुजरात में 1828 उम्मीदवारों का भाग्य दांव पर है. वोटों की गिनती शुरू होते ही शुरुआती रुझानों और परिणामों से तस्वीरें साफ होने लगेंगी. गुजरात चुनाव को 2019 के फाइनल से पहले सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है. तो चलिए जानते हैं नतीजों से पहले हिमाचल और गुजरात चुनाव के बारे में 10 बड़ी बातें.
गुजरात और हिमाचल चुनाव की अहम बातें
- गुजरात में 182 सीटें हैं और बहुमत के लिए किसी पार्टी को 92 सीटों की जरूरत है. एनडीटीवी के पोल्स ऑफ एग्जिट पोल में गुजरात में बीजेपी को 116 सीटें दी गई हैं. इसका मतलब है कि बीजेपी वहां सरकार बनाती दिख रही है. वहीं कांग्रेस 22 सालों का सूखा खत्म करती नहीं दिख रही है.
- हिमाचल प्रदेश की बात करें तो राज्य में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं. यहां सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 35 सीटों की जरूरत है और वहां भी एग्जिट पोल में बीजेपी बाजी मारती दिख रही है. बता दें कि हिमाचल में इससे पहले कांग्रेस नीत वीरभद्र की सरकरा रही है. सभी एक्जिट पोल का औसत निकालें तो बीजेपी के खाते में 68 में से 49 सीटें जाती दिख रही हैं. कांग्रेस को यहां भारी हार का सामना करना पड़ सकता है.
- गुजरात पीएम मोदी का गृह राज्य है. इसलिए यहां बीजेपी की जीत काफी मायने रखती है, क्योंकि इस चुनाव से पीएम मोदी की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है. चुनावी अभियान में भी पीएम मोदी ने इस चुनाव को गुजरात प्रतिष्ठा से जोड़ा था. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी विकास के मुद्दे पर बातें करते नजर आए थे.
- राहुल गांधी ने 22 साल से सत्ता में काबिज बीजेपी की सरकार विरोधी लहर को भुनाने की कोशिश की. इसके लिए उन्होंने पाटीदार और ओबीसी और दलित समुदाय के नेताओं से हाथ भी मिलाया. हार्दिक पटेल का पटेल समुदाय पर कितना असर है इसका नतीजा भी ये चुनाव परिणाम बता देगा.
- एग्जिट पोल से इतर राहुल गांधी ने दावा किया है कि गुजरात में कांग्रेस की जीत होगी. उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल के नतीजे वोटों की गिनती खत्म होने के बाद पलट जाएंगे. पूरे चुनाव अभियान में राहुल गांधी पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमले करने से बचते रहे.
- गुजरात चुनाव में पीएम मोदी ने गुजरात की जनता को रिझाने में काफी अहम भूमिका निभाई है. चुनावी अभियान में पीएम मोदी लगातार कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमले करते रहे. साथ ही वो कांग्रेस के बयानों का चिट्ठा जनता के बीच रखते रहे. इसका उन्हें फायदा मिलेगा या नहीं वो अंतिम परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा.
- गुजरात चुनाव में 182 सीटों के लिए दो चरणों में मतदान हुए. पहले चरण में 89 सीटों के लिए 9 दिसंबर को वोटिंग हुई, वहीं दूसरे और आखिरी चरण में 93 सीटों के लिए 14 दिसंबर को वोटिंग हुई. नतीजे आने से पहले एग्जिट पोलों में गुजरात में बीजेपी को सबसे अधिक सीटें दिखाई गई हैं. वहीं कांग्रेस पीछे चल रही है.
- 2012 में बीजेपी को विधानसभा चुनाव में 48.30 फीसदी वोटों के साथ 115 सीटें हासिल हुई थीं, जबकि कांग्रेस 40.59 फीसदी वोट के साथ 61 सीटें हासिल कर पाई थी.
- गुजरात में दो चरणों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में औसत मतदान प्रतिशत 68.41 रहा. पहले चरण में 68 फीसदी वोटिंग हुई थी, वहीं, दूसरे चरण में 68.70 फीसदी मतदान हुए थे. पहले चरण में जिन इलाकों में वोटिंग हुई है उसे बीजेपी का गढ़ कहा जाता है. सौराष्ट्र और सूरत में पाटीदारों बड़ी संख्या में रहते हैं और वह हमेशा से ही बीजेपी के साथ रहे हैं और इस बार भी उनका वोट निर्णायक माना जा रहा है. पिछली बार 89 में से 67 सीटें बीजेपी के खाते में गई थीं.
- विधानसभा में भाजपा, कांग्रेस और माकपा सहित अन्य दलों के कुल 377 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. इसमें 19 महिलाएं, नौ कैबिनेट मंत्री और 51 विधायक भी चुनावी मैदान में हैं. हिमाचल के नतीजों में नौ मंत्रियों, आठ सीपीएस समेत 60 विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर है. हिमाचल में 7524 मतदान केन्द्रों में करीब 38 लाख मतदाता ने ईवीएम में नई सरकार चुनने के लिए मतदान किया.