दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बढ़कर 38 प्रतिशत हो गई है.
नई दिल्ली:
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है. दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 550 दर्ज किया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के अंतिम चरण के तहत प्रदूषणकारी गतिविधियों पर प्रतिबंधों को लागू किए जाने को लेकर आज एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है.
- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली मौसम पूर्वानुमान एजेंसी सफर के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा, दिल्ली में संपूर्ण वायु गुणवत्ता शुक्रवार सुबह तक गंभीर श्रेणी में रहेगी. उसके बाद थोड़ा सुधार होगा.
- बेग ने कहा, ‘‘ मौसमीय दशाओं - हवा की गति एवं रफ्तार में संभावित सुधार के बाद शनिवार को बड़ी राहत मिलने की संभावना है.
- बेग के मुताबिक ‘‘नोएडा में वायु प्रदूषण बदतर है क्योंकि यह पराली जलाने से निकलने वाले धुएं के मार्ग में है. गुरूग्राम और लोधी रोड इस धुएं के रास्ते में नहीं हैं, इसलिए वे कम से कम प्रभावित हुए हैं‘‘.
- वायु प्रदूषण के कारण नोएडा-ग्रेटर नोएडा के स्कूलों में आठ नवंबर तक स्कूलों को बंद किया गया है और इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जाएगी.
- दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बढ़कर 38 प्रतिशत हो गई, जो अब तक इस वर्ष सबसे अधिक है. पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि और अनुकूल परिवहन-स्तरीय हवा की गति के कारण ऐसा हुआ.
- दिल्ली सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति की दहलीज पर है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण के तहत विभिन्न उपायों को लागू करने का फैसला किया है.
- सीएक्यूएम द्वारा जारी एक आदेश के मुताबिक,दिल्ली-एनसीआर में चार पहिया डीजल हल्के मोटर वाहनों के चलने पर प्रतिबंध; बीएस-6, आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं के वाहनों को छूट दी गई है. दिल्ली में इलेक्ट्रिक और सीएनजी से चलने वाले ट्रकों के अलावा अन्य ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध; आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई करने वाले वाहनों को छूट दी गई है.
- सीएक्यूएम के आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने, गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों और ‘सम-विषम' के आधार पर वाहनों के चलने पर फैसला ले सकती है.
- सीएक्यूएम के आदेश के अनुसार केंद्र, राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की अनुमति देने का निर्णय ले सकती हैं.
- शिकागो विश्वविद्यालय के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट की से जारी वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक के अनुसार दिल्ली के लोगों की जीवन प्रत्याशा घटिया वायु गुणवत्ता के चलते 10 साल घट गयी है. (भाषा इनपुट के साथ)