नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने गोवा में हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन से इतर बातचीत में इस बात पर सहमति जताई कि आतंकवाद इस क्षेत्र के लिए खतरा है, हालांकि चीन ने पाकिस्तान या आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ कदम उठाने को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाई.
- भारत ने शनिवार को चीन से स्पष्ट तौर पर कहा कि आतंकवाद से मुकाबले के मुद्दे पर देशों के बीच मतभेद नहीं हो सकते. भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित करने की राह में बीजिंग की ओर से अटकाए जा रहे रोड़े पर भी अपनी चिंताएं चीन के सामने रखीं. हालांकि चीन ने इसे लेकर आश्वासन नहीं दिया.
- चीन का यह रुख रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बिल्कुल उलट है, जिन्होंने शनिवार दिन में पीएम मोदी से हुई वार्ता के दौरान उरी हमले की निंदा की थी, जिसमें पाकिस्तानी आतंकियों के हमले में भारत के 19 जवान शहीद हो गए थे.
- प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग ने खुलासा किया कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी पर दोनों देशों के बीच दूसरे दौर की वार्ता जल्द ही होगी, जिसमें नई दिल्ली को 'मतभेदों' में कमी आने की उम्मीद है. वहीं शी ने कहा कि वार्ता मददगार होगी.
- पीएम मोदी ने वार्ता के बाद ट्वीट कर इसे 'फलदायी' बताया. उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ मेरी बैठक सार्थक रही. हमने भारत-चीन रिश्तों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की.' उन्होंने राष्ट्रपति शी से कहा कि कोई भी देश आतंकवाद से अछूता नहीं है और यह ऐसा मुद्दा है, जिस पर 'मतभेद' नहीं हो सकते.
- वहीं बैठक के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पत्रकारों से कहा, 'यूएन 1267 समिति के संदर्भ में खास तौर पर भारत और चीन को अपना सहयोग बढ़ाना चाहिए और साझा जमीन तलाशने की कोशिश करनी चाहिए.' उधर चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों को अपनी सुरक्षा वार्ता और साझेदारी को मजबूत करना चाहिए.
- विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और चीन ने मुख्य मुद्दे के तौर पर आतंकवाद की पहचान की. चीन में भारतीय दूत विजय गोखले ने कहा, पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी चिंनफिंग इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद क्षेत्र के लिए अभिशाप है. विदेश मंत्रालय ने कहा, संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगवाने के लिए आगे बढ़ने के संबंध में हम चीन से बातचीत कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि चीन को इसमें तार्किकता दिखेगी.
- प्रतिष्ठित परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए नई दिल्ली के प्रयास पर भारत और चीन जल्दी ही वार्ता करेंगे, जिसमें उम्मीद है कि 'मतभेदों' में कमी आएगी. चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि एनएसजी में भारत के प्रवेश के मुद्दे पर दूसरे दौर की बातचीत जल्दी ही होगी. एनएसजी में भारत के प्रवेश पर चीन को आपत्ति है.
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ब्रिक्स सम्मेलन से इतर बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'यह मददगार होगा. राष्ट्रपति शी ने प्रधानमंत्री से कहा.' इस बारे में पूछे जाने पर कि क्या भारत की सदस्यता के मुद्दे पर चीन के रुख में नरमी आयी है, स्वरूप ने कहा, 'यह दर्शाता है कि बातचीत होनी है, अच्छी रणनीतिक बातचीत. निश्चित रूप से इससे मतभेदों में कमी आएगी.' यह पूछे जाने पर कि क्या चीन ने एनएसजी की सदस्यता विभिन्न पक्षों के बीच सर्वसम्मति से होने के मुद्दे पर अपना रुख दोहराया है, उन्होंने जवाब दिया, 'नहीं.'
- इससे पहले शनिवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ पीएम मोदी की मुलाकात के बाद जारी साझा बयान में कहा गया कि 'आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जैसे मुद्दों पर दोनों देशों का रुख समान है.' वहीं भारत ने उरी में सैन्य बेस पर आतंकी हमले की रूस द्वारा पुरजोर निंदा किए जाने की सराहना की है. पीएम मोदी ने भारत-रूस संबंधों को इंगित करते हुए कहा, 'एक पुराना दोस्त दो नए दोस्तों से बेहतर है.' उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन और वह आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने पर सहमत हुए हैं.
- भारत और रूस ने 39,000 करोड़ रुपये के रक्षा सौदों सहित 16 समझौते किए हैं, जिसमें मास्को से बेहद उन्नत विमानभेदक रक्षा प्रणाली एस-400 ट्रायंफ और भारत में ही कामोव हेलीकॉप्टर बनाने के लिए सौदे शामिल हैं. (एजेंसी इनपुट के साथ)