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काले धन के खिलाफ नरेंद्र मोदी सरकार की 'बेहद' बड़ी कामयाबी : 7 खास बातें

वर्ष 2014 से केंद्र में सत्तासीन नरेंद्र मोदी सरकार पहले दिन से ही काले धन के खिलाफ सख्त अपनाने के दावे करती आ रही है, और इसी उद्देश्य से उन्होंने पिछले साल के अंत में नोटबंदी भी लागू कर दी थी...

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बैंकों की शेल कंपनियों से जुड़ी इस रिपोर्ट को काले धन के खिलाफ जंग में सरकार की बड़ा कामयाबी माना जा रहा है...

वर्ष 2014 से केंद्र में सत्तासीन नरेंद्र मोदी सरकार पहले दिन से ही काले धन के खिलाफ सख्त अपनाने के दावे करती आ रही है, और इसी उद्देश्य से उन्होंने पिछले साल के अंत में नोटबंदी भी लागू कर दी थी, जिसके तहत कुल काग़ज़ी मुद्रा का लगभग 86 फीसदी हिस्सा, यानी 1,000 और 500 रुपये के नोट अचानक बंद कर दिए गए थे... इसी साल रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज़ ने 2,09,032 कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया था, और इनके बैंक खातों को फ्रीज़ कर दिया गया था... अब 13 बैंकों ने इनमें से कुछ संदिग्ध कंपनियों के बैंक खातों में नोटबंदी के बाद और फ्रीज़ किए जाने तक की अवधि के दौरान की गई जमा-निकासी का ब्योरा सरकार को सौंपा है, जो चौंकाने वाला है... बैंकों की इस रिपोर्ट को सरकार की बेहद बड़ी कामयाबी माना जा रहा है, और कहा जा रहा है कि यह 'टिप ऑफ द आइसबर्ग' है, और इसके बाद बहुत कुछ, बहुत बड़ा सामने आएगा...

शेल कंपनियों के बारे में 13 बैंकों की रिपोर्ट से जुड़ी खास बातें...

  1. जिन 2,09,032 कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया था, उनमें से 5,800 कंपनियों के बैंक खातों में हुई जमा-निकासी का ब्योरा उपलब्ध करवाया है 13 बैंकों ने...
  2. इन 5,800 कंपनियों के कुल 13,140 बैंक खाते हैं... इनमें से कई कंपनियों के नाम से सैकड़ों खाते हैं... सबसे ज़्यादा खाते रखने वाली कंपनी के पास 2,134 खाते हैं... अन्य कई कंपनियों के नाम से 300 से 900 के बीच खाते हैं...
  3. इन 13,140 बैंक खातों में नोटबंदी शुरू होने से ठीक पहले 8 नवंबर, 2016 को कुल 22.05 करोड़ रुपये जमा थे, लेकिन 9 नवंबर, 2016 को नोटबंदी शुरू होने के बाद और कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बीच की अवधि के दौरान इन खातों में 4,573.87 करोड़ रुपये जमा करवाए गए, और 4,552 करोड़ रुपये की निकासी की गई...
  4. अधिकतर कंपनियों ने नोटबंदी के बाद अपने खातों में बड़ी-बड़ी रकमें जमा करवाईं और निकालीं... बहुत-सी कंपनियों के खातों में 8 नवंबर, 2016 को कोई धनराशि नहीं थी, या नेगेटिव बैलेंस मौजूद था, लेकिन नोटबंदी के बाद इन खातों में कई-कई करोड़ रुपये जमा किए गए और निकाले गए, और फिर इन्हें मामूली बैलेंस के साथ डॉरमैन्ट एकाउंट की तरह छोड़ दिया गया...
  5. उदाहरण के लिए, एक बैक में 429 कंपनियों के खातों में 8 नवंबर, 2016 को कोई बैलेंस नहीं था, लेकिन नोटबंदी के बाद और फ्रीज़ किए जाने तक की अवधि में इन कंपनियों के खातों में 11 करोड़ रुपये से ज़्यादा की रकम जमा करवाई गई और निकाली गई, और फ्रीज़ किए जाने के वक्त इन खातों में कुल बैलेंस 42,000 रुपये था...
  6. इसी तरह एक अन्य बैंक में 3,000 से ज़्यादा इसी तरह की कंपनियों के खातों में 8 नवंबर, 2016 को कुल मिलाकर 13 करोड़ रुपये की धनराशि जमा थी, लेकिन इसके बाद इन खातों में 3,800 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा की जमा और निकासी की गई, और फ्रीज़ किए जाने के वक्त इनमें लगभग 200 करोड़ रुपये का नेगेटिव बैलेंस था...
  7. ध्यान देने वाली बात यह है कि सभी संदिग्ध कंपनियों, जिनका रजिस्ट्रेशन सरकार ने रद्द किया था, में से ये आंकड़े कुल मिलाकर 2.5 फीसदी हैं, इसलिए माना जा रहा है कि इन कंपनियों द्वारा किए जा रहे काले धन के गोरखधंधे का यह सिर्फ शुरुआती खुलासा है, और बहुत कुछ, और इससे कहीं बड़े कारनामों की पोल खुलने वाली है...

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