आर्टिमिस-1 मिशन : इंजन में खराबी के कारण NASA ने टाला लॉन्च, जानें 10 प्वाइंट्स में पूरी डिटेल

नासा ने सोमवार को अपने आर्टिमिस मिशन के पहले चंद्रयान की टेस्ट फ्लाइट को आखिर समय पर टाल दिया है. इसके चार RS-25 इंजनों में से एक में आखिरी समय पर तापमान की दिक्कत आने के चलते यह लॉन्च टाला गया. आर्टिमिस 1 मिशन को अब 2 सितंबर को लॉन्च किया जाएगा.

आर्टिमिस-1 मिशन : इंजन में खराबी के कारण NASA ने टाला लॉन्च, जानें 10 प्वाइंट्स में पूरी डिटेल

आर्टिमिस-1 का लॉन्च तकनीकी कारणों से टालना पड़ा.

नासा साल 2024 में आर्टेमिस-2 को लॉन्च करने की योजना पर काम कर रहा है. इस मिशन में एस्ट्रोनॉट्स तो जाएंगे लेकिन वो चांद पर कदम नहीं रखेंगे. वे सिर्फ चांद के ऑर्बिट में घूमकर वापस आ जाएंगे.

नासा ने आर्टिमिस-1 मिशन को टाला, जानिए इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें

  • ग्रीक माइथोलॉजी के मुताबिक अपोलो और आर्टिमिस जुड़वा भाई – बहन हैं. अपोलो को जहां सूर्य देवता माना जाता है वहीं आर्टिमिस को चंद्रमा की देवी कहा जाता है. नासा के पहले ह्यूमन मून मिशन का नाम अपोलो था. अब दूसरे ह्यूमन मून मिशन का नाम आर्टिमिस के नाम पर रखा गया है. 

  • अर्टेमिस-1 मिशन को फ्लोरिडा स्थित नासा के केनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 39B से उड़ान लेना था. इस मिशन के तहत SLS रॉकेट और ओरियन स्पेसशिप (Orion Spaceship) को लॉन्च पैड 39बी से छोड़ा जाना था. मिशन इसलिए अहम है, क्‍योंकि इसकी सफलता को देखते हुए ही भविष्‍य में इंसान को चांद पर भेजा जाना है.

  • रॉकेट की लॉन्चिंग भारतीय समय के मुताबिक सोमवार शाम 6.03 पर होनी थी. लेकिन अब यह लॉन्चिंग 2 सितंबर को रात 10.18 पर होगी.

  • दरअसल रॉकेट के चार में से एक इंजन में खराबी आ गई थी जिसके कारण इसकी लॉन्चिंग के लिए चल रहे काउंट डाउन को कुछ देर पहले रोक दिया गया था.

  • इस राकेट को चंद्रमा के बाहर की रेट्रोग्रेड कक्षा में पहुंचना था और कुल 20 लाख 92 हजार 147 किलोमीटर का सफर तय करना है.  

  • अर्टेमिस-1 को 42 दिन, 3 घंटे और 20 मिनट में अपना मिशन पूरा करना था. और नासा के मुताबिक, इसे सैन डिएगो के आसपास प्रशांत महासागर में वापस आना था.धरती पर लौटते समय इसकी गति  40 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा होने का अनुमान है.

  • नासा के मुताबिक, नया SLS मेगारॉकेट और ओरियन क्रू कैप्सूल चंद्रमा पर पहुंचेंगे. इस बार यह क्रू कैप्सूल खाली रहेगा. आमतौर पर क्रू कैप्सूल में एस्ट्रोनॉट्स को रखा जाता है.

  • आर्टेमिस-1 के रॉकेट में अब तक के रॉकेट्स के मुकाबले सबसे शक्तिशाली इंजन लगे हैं. इसे चंद्रमा तक जाना है और फिर खुद ऑर्बिट में ही स्थापित हो जाना है. यह कुछ छोटे सैटेलाइट्स को चांद के ऑर्बिट (कक्षा) में छोड़ेगा.

  • नासा साल 2024 में आर्टेमिस-2 को लॉन्च करने की योजना पर काम कर रहा है. इस मिशन में एस्ट्रोनॉट्स तो जाएंगे लेकिन वो चांद पर कदम नहीं रखेंगे. वे सिर्फ चांद के ऑर्बिट में घूमकर वापस आ जाएंगे.

  • इसके बाद साल 2030 में मिशन आर्टेमिस-3 को लॉन्च किया जाएगा. इसमें जो एस्ट्रोनॉट्स होंगे वो चांद की सतह पर उतरेंगे. पहली बार महिलाएं भी ‘ह्यूमन मून मिशन' का हिस्सा बनेंगी. इसके अलावे एक ब्लैक भी क्रू मेम्बर होगा. सभी लोग चंद्रमा के साउथ पोल में जाकर पानी और बर्फ की खोज करेंगे.