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आंध्र और प.बंगाल सरकार ने राज्य में जांच के लिए सीबीआई को दी रजामंदी वापस ली, 10 बड़ी बातें 

विपक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के कारण राज्यों का उन पर से विश्वास कम हो रहा है.

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सीबीआई को लेकर राज्य सरकार का फैसला
नई दिल्ली:

आंध प्रदेश और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने सीबीआई को अपने अपने राज्य में छापे मारने व जांच करने के लिए दी गई सामान्य रजामंदी वापस ले ली है. वहीं विपक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के कारण राज्यों का उन पर से विश्वास कम हो रहा है. हालांकि भाजपा ने इसे भ्रष्ट दलों द्वारा अपने हितों के बचाव के लिए अधिकारों की स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण कवायद करार दिया. सीबीआई को अब इन राज्यों में अदालती आदेश वाले मामलों व केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ मामलों को छोड़कर शेष सभी में किसी तरह की जांच के लिए संबंधित राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी. आंध्र प्रदेश में तेलुगूदेशम पार्टी की सरकार है जिसके मुखिया चंद्रबाबू नायडू हैं वहीं पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी का शासन है. दोनों ही उन नेताओं में शामिल हैं जो 2019 के लोकसभा चुनावों में एकजुट होकर भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्षी दलों का महागठबंधन बनाने के लिए प्रयासरत हैं. आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री (गृह) एन चिना राजप्पा ने कहा कि सहमति वापसी लेने की वजह देश की प्रमुख जांच एजेंसी के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ लगे आरोप हैं.

10 बड़ी बातें

  1. ताजा सरकारी आदेश (जीओ) के अनुसार दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1946 की धारा छह के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, सरकार दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सभी सदस्यों को आंध प्रदेश राज्य में इस कानून के तहत शक्तियों तथा क्षेत्राधिकार के इस्तेमाल हेतु दी गई सामान्य रजामंदी वापस लेती है. प्रधान सचिव (गृह) ए आर अनुराधा द्वारा आठ नवंबर को इस संबंध में जारी एक गोपनीय सरकारी आदेश गुरुवार की रात लीक हो गया. 
  2. राजप्पा ने सचिवालय में संवाददाताओं से कहा कि हमें सीबीआई में भरोसा है लेकिन इसके शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ हाल में लगे आरोपों के कारण हमने सामान्य रजामंदी वापस ले ली. यानी सीबीआई को हर मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति हासिल करनी होगी. उप मुख्यमंत्री ने दावा किया कि वकीलों और जानकारों की सलाह पर फैसला लिया गया है. इसके बाद ही शुक्रवार शाम को पश्चिम बंगाल सरकार ने भी सीबीआई को अपने राज्य में छापे मारने और जांच करने के लिए दी गयी सामान्य रजामंदी वापस ले ली.
  3. पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू ने बिल्कुल सही किया है. भाजपा अपने राजनीतिक हितों के लिए सीबीआई और अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है. भाजपा ने नायडू सरकार के फैसले को भ्रष्टाचार, वित्तीय गड़बड़ियों तथा अन्य आपराधिक कृत्यों को बचाने की दुर्भावनापूर्ण कवायद कहा. 
  4. भाजपा के राज्यसभा सदस्य जीवीएल नरसिंहा राव ने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार ने सीबीआई में हालिया घटनाक्रम का हवाला कमजोर बहाने के तौर पर किया है और उसकी मंशा भ्रष्टों को बचाने एवं भ्रष्टाचार तथा आपराधिक कृत्यों में शामिल लोगों और संगठनों को राजनीतिक संरक्षण देने की है. 
  5. भाजपा नेता राव ने कहा कि कार्यपालिका की शक्तियों का इस्तेमाल व्यापक जनहित में होना चाहिए. जब कोई नया राजनीतिक गठजोड़ अपने प्रमुख एजेंडे के तौर पर भ्रष्टों को संरक्षण दे तो जनता ऐसे स्वार्थी राजनीतिक दलों को दंडित करेगी. उन्होंने कहा कि भाजपा इस मुद्दे को सभी राजनीतिक मंचों पर उठाएगी.
  6. इस साल तीन अगस्त को आंध्र सरकार ने भ्रष्टाचार रोकथाम कानून समेत विभिन्न कानूनों के तहत अपराधों की जांच को केन्द्र सरकार, केन्द्र सरकार के उपक्रम के अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ जांच के लिए आंध्र प्रदेश में शक्तियों और क्षेत्राधिकार के इस्तेमाल के लिए दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सभी सदस्यों को ‘‘सामान्य रजामंदी'' देने वाला सरकारी आदेश जारी किया था.
  7. सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानून के तहत काम करती है. इस अधिनियम की धारा छह के तहत, राज्य सरकार राज्य में शक्तियों के इस्तेमाल के लिए सीबीआई को नियमित रूप से रजामंदी देती है और आंध्र सरकार ने भी पिछले कुछ वर्ष में समय समय पर संबंधित आदेश जारी किये थे. 
  8.  इस साल मार्च में नरेंद्र मोदी सरकार से संबंध तोड़ने के बाद से नायडू आरोप लगाते रहे हैं कि केन्द्र सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने में कर रहा है. कुछ कारोबारी प्रतिष्ठानों पर आयकर अधिकारियों के हालिया छापे से नायडू बहुत नाराज हैं क्योंकि इनमें से कुछ प्रतिष्ठान राज्य की सत्तारूढ तेदेपा के करीबियों के हैं. 
  9. उन्होंने बाद में कहा था कि उनकी सरकार छापा मारने वाले आयकर अधिकारियों को पुलिस सुरक्षा मुहैया नहीं कराएगी. राज्य के विपक्षी दलों ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा कि राज्य सरकार सीबीआई को उसकी शक्तियों के इस्तेमाल से नहीं रोक सकती.
  10. मुख्य विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विवादित फैसला सिर्फ इसलिए किया गया है क्योंकि मुख्यमंत्री सीबीआई से डरे हुए हैं. वाईएसआरसी की राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य अंबाती रामबाबू ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि वह सीबीआई को राज्य में आने से क्यों रोक रहे हैं. 

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