अखिलेश यादव को यूपी के सीएम पद से हटाया नहीं जाएगा. सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने लखनऊ में अपनी पार्टी की बैठक में यह बात कही. इसके बावजूद बैठक में सपा से जुड़ा विवाद और गहराता नजर आया. पिता मुलायम और पुत्र अखिलेश ने एक-दूसरे पर निशाना साधा. आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर के बीच मुलायम सिंह बेहद गुस्से में दिखे.
मामले से जुड़ी खास बातें..
अपने भावनाओं से भरे भाषण के दौरान यह कहते हुए अखिलेश यादव का गला रुंध गया था कि वे पार्टी नहीं तोड़ेंगे. बाद में मुलायम ने उन्हें सार्वजनिक रूप से चेताते हुए आदेश दिया, 'शिवपाल यादव से गले मिलो, वह तुम्हारे चाचा हैं.'
गुस्से से भरे अखिलेश यादव ने कहा, 'क्या आप फिर से सरकार बनाने में सक्षम होंगे.' अखिलेश ने पार्टी महासचिव अमर सिंह पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया.
अखिलेश के चाचा और मौजूदा समय प्रबल विरोध शिवपाल यादव भी मंच पर पहुंच गए. उन्होंने अखिलेश के हाथ से माइक छीन लिया और उन्हें 'झूठा' कहा. शिवपाल को पिछले माह ही अखिलेश यादव के स्थान पर सपा का यूपी का अध्यक्ष बनाया गया है.
मुलायम सिंह यादव ने कहा, 'मैं अमर सिंह या शिवपाल यादव को नहीं छोड़ सकता. अमर सिंह के सारे पाप माफ कर दिए गए हैं.' गौरतलब है कि अमर सिंह को एक समय पार्टी से बाहर कर दिया गया था. सपा प्रमुख ने कहा, 'अमर सिंह मेरे भाई हैं.'बेटे अखिलेश के बारे में सपा प्रमुख ने कहा, 'मैं अखिलेश को चीजें बताता हूं लेकिन उनका फोकस दूसरी बातों पर होता है. ' सपा प्रमुख ने कहा कि बेटे और भाई के बीच मनमुटाव से उन्हें बेहद दुख पहुंचा है.
इससे पहले, अपने भावुक भाषण में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस्तीफे का प्रस्ताव करते हुए कहा, 'नई पार्टी कौन बनाने जा रहा है. मैं नहीं बनाऊंगा.' अपने पिता की ओर मुखातिब होते हुए अखिलेश ने कहा कि पार्टी के कुछ नेता आपके (सपा सुप्रीमो के) खिलाफ साजिश कर रहे हैं और पार्टी सुप्रीमो की दी गई सीख के अनुसार वे इन साजिश करने वालों से लड़ेंगे.
अखिलेश यादव के तुरंत बाद अपना पक्ष रखते हुए समाजवादी पार्टी के यूपी प्रमुख शिवपाल यादव ने आरोप लगाया, 'हाल ही में सीएम से मिलने गया था. सीएम ने कहा था कि वे नई पार्टी बनाएंगे और कुछ पाटियों के साथ गठजोड़ करेंगे.' नाटकीय अंदाज में शिवपाल ने कहा, 'मैं गंगाजल की कसम खा सकता हूं.'सपा के लखनऊ ऑफिस में बैठक से पहले अखिलेश यादव के समर्थकों की शिवपाल के समर्थकों के साथ झड़प हो गई. पार्टी ऑफिस के बाहर दोनों पक्षों की ओर से नारेबाजी कर रहे थे.
हालांकि अमर सिंह बैठक में नहीं थे लेकिन अखिलेश ने पार्टी में चल रही मौजूदा उठापटक का दोष अमर सिंह पर मढ़ा जबकि शिवपाल यादव ने अमर सिंह का समर्थन किया.
पार्टी में विघटन की चर्चाओं को तब बल मिला था जब 43 वर्षीय अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में मंत्री शिवपाल यादव को रविवार को हटा दिया था. एक माह में ऐसा दूसरी बार किया गया था. अखिलेश की इस कार्रवाई को पिता मुलायम को दी गई सीधी चुनौती माना जा रहा था. मुलायम, अखिलेश की तुलना में शिवपाल को अधिक तरजीह दे रहे थे.
मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश के विश्वस्त सलाहकार माने जा रहे अपने चचेरे भाई रामगोपाल यादव को समाजवादी पार्टी से बाहर कर दिया था. शिवपाल सिंह ने कहा कि रामगोपाल ने बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया है. उन्होंने बिहार में पिछले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार नीत महागठबंधन से बाहर होने के लिए रामगोपाल यादव को जिम्मेदार ठहराया था. इस कदम को मुलायम सिंह के गलत कदम के रूप में माना जा रहा था.अटकलें हैं कि मुलायम अब यूपी के विधानसभा चुनाव के लिए ऐसे गठबंधन का प्रस्ताव कर सकते हैं
शिवपाल के विरोधी रहे रामगोपाल यादव ने अखिलेश को सच्चे अर्थों में पार्टी का सबसे लोकप्रिय नेता बताया है. पार्टी से बाहर किए जाने के बाद रामगोपाल ने कहा कि अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से वे आहत हुए हैं.