भाजपा नेता का दावा है कि छापेमारी से उनका कोई संबंध नहीं है.
नई दिल्ली :
भाजपा नेता एम. वीरुपक्षप्पा के बेटे को साबुन और डिटर्जेंट बनाने के लिए जरूरी कच्चे माल के सौदे को मंजूरी देने की एवज में 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया. इसके एक दिन बाद कर्नाटक भाजपा विधायक के बेटे के आवास से 6 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद की गई है. जानिए कर्नाटक के भाजपा विधायक वीरुपक्षप्पा के बारे में 5 बातें :
- एम. वीरुपक्षप्पा कर्नाटक के दावणगेरे जिले की चन्नागिरी सीट से विधायक हैं.
- वीरुपक्षप्पा पहली बार 2008 में चन्नागिरी से चुने गए थे, हालांकि 2013 के चुनावों में कांग्रेस के वडनल राजन्ना से हार गए. इसके बाद 2018 में वे एक बार फिर विधायक चुने गए.
- एडीआर के आंकड़ों के अनुसार, वीरुपक्षप्पा ने 2018 के चुनावों के समय अपना नामांकन दाखिल करते वक्त 5.73 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की थी.
- 58 वर्षीय नेता राज्य के स्वामित्व वाली कर्नाटक सोप्स एंड डिटर्जेंट लिमिटेड (Karnataka Soaps and Detergents Limited )के चेयरमैन थे, जो प्रसिद्ध मैसूर सैंडल साबुन बनाती है. उन्होंने बेटे प्रशांत से जुड़े मामले के सुर्खियों में आने के बाद आज सुबह अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
- भाजपा नेता का दावा है कि आज की गई छापेमारी से उनका कोई संबंध नहीं है. अपने त्याग पत्र में उन्होंने लिखा, "मेरा लोकायुक्त छापे से कोई संबंध नहीं है. यह मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ एक साजिश है, क्योंकि मुझ पर संदेह है, मैं KSDL बोर्ड के चेयरमैन के रूप में अपना इस्तीफा देता हूं."