इस जीत ने पार्टी में मनीष सिसोदिया के कद को और मजबूत किया है.
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली नगर निगम (MCD Elections Result) के चुनाव में बहुमत हासिल कर लिया है. इसके साथ ही एमसीडी में बीजेपी 15 साल बाद बाहर हो गई है. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के तीन बार दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने के बाद ये पहला मौका है जब MCD पर भी AAP का कब्जा हो गया है.
- पहली बार आप ने किसी भी चुनाव में बीजेपी को हराया है. अस्तित्व में आने के बाद से AAP ने दिल्ली में 7 चुनाव (2013 विधानसभा, 2014 राष्ट्रीय, 2015 विधानसभा, 2017 MCD, 2019 राष्ट्रीय, 2020 विधानसभा और 2022 MCD) लड़े हैं. इनमें से 4 में जीत हासिल की और 3 हारे हैं.
- 2022 के एमसीडी चुनाव में आप और बीजेपी के बीच वोट शेयर का अंतर केवल 3 प्रतिशत रहा. 2017 के एमसीडी चुनावों की तुलना में आप ने लगभग 16 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया है, जबकि बीजेपी ने अपना कोर वोट बनाए रखा है और इसमें लगभग 3 प्रतिशत जोड़ा है.
- अगर वोट शेयर की बात की जाए तो AAP का वोट शेयर 42.05 फीसदी रहा जबकि बीजेपी का 39.09 फीसदी और कांग्रेस का 11.68 फीसदी रहा.
- एमसीडी पर बीजेपी की बादशाहत 1997 से कायम थी. 2022 के चुनाव को छोड़ दें तो इन 25 सालों में एमसीडी के लिए हुए पांच में से 4 चुनावों को बीजेपी ने फतह किया था. सिर्फ 2002 में बीजेपी को कांग्रेस से मात खानी पड़ी थी.
- एमसीडी इलेक्शन में भ्रष्टाचार के मुद्दे का असर दिखा. AAP ने इसे बीजेपी के खिलाफ एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया. सत्येंद्र जैन के वीडियो और सिसोदिया के खिलाफ शराब घोटाले के आरोप का असर भी चुनाव में दिखा. सत्येंद्र जैन की निर्वाचन क्षेत्र शकूरबस्ती (सरवस्ती विहार, पशिम विहार और रानी बाग) के सभी 3 वार्ड में बीजेपी की जीत हुई.
- मनीष सिसोदिया की पटपड़गंज सीट पर बीजेपी ने 4 सीट में से 3 जीत लिए. ये सीटें विनोद नगर, मंडावली और मयूर विहार 2 है. केवल पटपड़गंज वार्ड में AAP की जीत हुई है.
- इस चुनाव में कांग्रेस के वोटों में और गिरावट दर्ज हुई है. कांग्रेस ने 2017 के एमसीडी चुनावों से करीब 10 फीसदी वोट शेयर घटाया है. उसे सिर्फ 9 वार्डों में जीत मिली है.
- लगता है कि मुस्लिम वोट आप और कांग्रेस के बीच विभाजित हो गए हैं, जिससे बीजेपी को कई वार्डों में फायदा हुआ है. खासकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में जो 2020 के दिल्ली दंगों से प्रभावित था.
- MCD में बहुमत पाने के बावजूद AAP के लिए चिंता की बात है. पार्टी को मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में हार मिली है. दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और विधायक अमानतुल्लाह खान के विधानसभा क्षेत्र ओखला में AAP पांच में से एक वार्ड ही जीत पाई.
- गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले AAP की ये जीत राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी कई संदेश लेकर आई है. इस जीत ने पार्टी में मनीष सिसोदिया के कद को और मजबूत किया है.