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इन 10 कारणों से बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने राज्‍यसभा से दे दिया इस्‍तीफा

इस्तीफे के बाद मायावती ने कहा, 'मैं दलित समाज से आती हूं और जब मैं अपने समाज की बात नहीं रख सकती हूं, तो मेरे यहां होने का क्‍या लाभ है.'

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पत्रकारों से बात करती बसपा सुप्रीमो मायावती
नई दिल्‍ली:

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने अपनी राज्‍यसभा सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया है. सदन में बोलने ना देने से नाराज होकर मायावती ने यह कदम उठाया है. उनका कहना है कि जब मैं सदन में अपनी बात ही नहीं रख सकती तो यहां होने का क्‍या लाभ. उन्‍होंने अपना इस्‍तीफा राज्‍यसभा के सभापति हामिद अंसारी को सौंप दिया. आईए जानें उन वजहों को जिनकी वजह से मायावती ने इस्‍तीफा दिया...

  1. "मैं इस सदन में दलितों और पिछड़ों की आवाज बनने और उनके मुद्दे उठाने के लिए आई हूं. लेकिन जब मुझे यहां बोलने ही नहीं दिया जा रहा, तो मैं यहां क्यों रहूं."
  2. "बाबासाहेब (भीम राव अंबेडकर) को बतौर कानून मंत्री हिदू कोड बिल पेश करने नहीं दिया गया था और उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया गया था, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया. मैं उनकी शिष्या हूं, इसलिए मैं इस्तीफा दे रही हूं, क्योंकि मुझे भी सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा."
  3. मायावती इस बात से नाराज थीं कि शून्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में दलितों पर हुए अत्याचारों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश करने के बाद उन्हें बोलने के लिए सिर्फ तीन मिनट का समय दिया गया.
  4. "केंद्र की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आने के बाद पूरे देश में, खासतौर पर भाजपा शासित राज्यों में 'जातिवाद और पूंजीवाद' बढ़ गया है."
  5. उपसभापति पी जे कुरियन के रोकने पर उन्होंने यह भी कहा कि वह जिस समाज से संबंध रखती हैं, उस समाज से जुड़े मुद्दे उठाने से उन्हें कैसे रोका जा सकता है.
  6. कुरियन ने कहा कि सबसे पहले मायावती ने अपना मुद्दा उठाया है, इसलिए वह पहले अपनी बात रखें. लेकिन उन्हें अपनी बात तीन मिनट में रखनी होगी. इस पर मायावती ने विरोध जताते हुए कहा कि यह अत्यंत गंभीर मुद्दा है और वह तीन मिनट में अपनी बात पूरी नहीं कर पाएंगी. मायावती ने कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है.
  7. बसपा प्रमुख ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के एक गांव में हाल ही में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल ने सुनियोजित तरीके से इसे अंजाम दिया और फिर इसे जातीय हिंसा का रूप दे दिया.
  8. जब बसपा प्रमुख अपनी बात रख रही थीं तब कुरियन ने कहा कि तीन मिनट हो चुके हैं. इस पर मायावती ने कहा कि अभी उनकी बात पूरी नहीं हुई है. ‘‘मैंने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है जिस पर बोल रही हूं. यह शून्यकाल नहीं है. मुझे अपनी बात रखने दें.’’
  9. अपनी बात पूरी करने के लिए कहे जाने पर जब मायावती ने नाराजगी जाहिर करते हुए इस्तीफा देने की बात कही और सदन से चली गईं तब संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मायावती पर आसन को चुनौती देने का आरोप लगाया.
  10. ''सत्ता पक्ष की ओर से मुझे बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है. जब मुझे अपनी बात रखने का मौका सत्ता पक्ष नहीं दे रहा है और मुझे बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है तो मैंने इस्‍तीफा देने का फैसला किया.''

अपनी बात रखने का मौका नहीं मिलने से नाराज मायावती ने दिया इस्‍तीफा


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