यमुनोत्री मंदिर समिति ने यह पता लगाने के लिए एक जांच शुरू की है कि क्या उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के इस प्रसिद्ध मंदिर के पुजारियों ने तीर्थयात्रियों द्वारा दिए जा रहे धन से लाभ लेने के लिए दान-पात्रों को ढक रखा है.
पुजारी आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें दान-पात्रों में दिए गए दान से कोई हिस्सा नहीं मिलता, जिसके कारण मजबूरन उन्हें पात्रों को कपड़े से ढंकना पड़ा.
बरकोट उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अनुराग आर्य ने कहा कि इस बात की जांच के लिए एक उप-समिति गठित की गई है कि क्या पुजारी वास्तव में दान पेटियों को ढंक कर रहे हैं, ताकि मंदिर में पैसे तस्तरियों में चढ़ाए जाएं और वे उन सभी पैसों को वहां उठा ले जाएं.
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आर्य यमुनोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने दावा किया कि दान-पात्रों को को ढकने से पुजारियों को तस्तरियों में चढ़ाए जा रहे सभी पैसे मिल सकते हैं.
आर्य ने कहा, "जब पैसे दान-पात्र में नहीं जा रहे हैं, तो इसका सीधा अर्थ है कि वह पूजा की थालियों में जा रहे हैं."
इस बीच, मंदिर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई है.
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इनपुट - आईएएनएस
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