Prasad Niyam : अपने मन की शांति, सुख समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए हर कोई अपने-अपने आराध्य की पूजा करता है. कोई शक्ति का उपासक है तो कोई शिव जी (shiva) की पूजा करता है तो कोई भगवान श्रीकृष्ण (lord krishna) की. पूजा चाहे आप किसी भी भगवान की करें लेकिन कुछ खास नियम होते हैं जिसका पालन किया जाना चाहिए. जैसे, अगर आप भगवान को भोग लगाते हैं तो पूजा (bhog niyam) सम्पन्न होने के बाद भोग वहां से उठा लें नहीं तो इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
भोग लगाने के बाद बांट दें प्रसाद
ऐसा माना जाता है कि भगवान को भोग लगा कर उसे तुरंत ही उठा लेना चाहिए और फिर इसे खुद भी खाना चाहिए और परिवार में दूसरे लोगों को भी खिलाना चाहिए. कई बार लोग ऐसी गलती करते हैं कि भोग लगाकर उसे मंदिर पर ही छोड़ देते हैं, ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता. खासकर अगर आप भगवान को नैवेद्य चढ़ा रहे हो तो आपको कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए.
नैवेद्य बनाने और चढ़ाने के नियम
नैवेद्य चढ़ाने के ही नहीं बनाने के भी कुछ जरूरी नियम होते हैं. नैवेद्य में नमक या मिर्च का इस्तेमाल नहीं होता. भोग लगाते समय हर व्यंजन पर तुलसी पत्ता जरूर रखना चाहिए. इसके साथ ही सबसे खास नियम ये है कि नैवेद्य का भोग भगवान को लगाने के बाद पूजा हो जाने पर तुरंत उसे वहां से हटा दें. ऐसा माना जाता है भगवान के समक्ष भोग छोड़ देने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
नैवेद्य को सोने, चांदी, पीतल या केले के पत्ते पर भगवान को चढ़ाया जाना चाहिए. इस सभी धातुओं और प्रकृति से जुड़ी चीजों को सनातन धर्म में शुद्ध और पूरी तरह पवित्र माना गया है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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