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Mauni Amavasya 2025: कब है मौनी अमावस्या और इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का क्या है महत्व, जानिए यहां

Mauni Amavasya 2024: माघ माह की अमावस्या मौनी अमावस्या कहलाती है. इस दिन गंगा स्नान और व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

Mauni Amavasya 2025: कब है मौनी अमावस्या और इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का क्या है महत्व, जानिए यहां
माना जाता है कि अमावस्या की सभी तिथियों में से मौनी अमावस्या को बेहद उत्तम माना गया है.

Mauni Amavasya 2025: हिन्दू धर्म में अमावस्या (amavasya) तिथि को स्नान, दान और पूजा पाठ के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या (mauni amavasya) कहा जाता है. कई जगहों पर इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है. मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि इस दिन मौन व्रत रखा जाता है और इसी कारण इस अमावस्या का नाम मौनी अमावस्या पड़ा है. चलिए जानते हैं कि 2025 में मौनी अमावस्या कब (mauni Amavasya date) है और इसका क्या महत्व है.

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2025 में कब है मौनी अमावस्या  When is mauni Amavasya

2025 में माघ माह की अमावस्या 29 जनवरी को पड़ रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार 28 जनवरी को सायंकाल में 7 बजकर 35 मिनट पर अमावस्या तिथि आरंभ हो रही है. इसका समापन 29 जनवरी सायंकाल में 6 बजकर 5 मिनट पर हो रहा है. उदया तिथि के अनुसार देखा जाए तो अमावस्या की पूजा और व्रत आदि 29 जनवरी को रखे जाएंगे. इसी दिन प्रयागराज में लग रहे महाकुंभ में तीसरा शाही स्नान भी होगा. कहते हैं कि मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसलिए हर साल मौनी अमावस्या पर लाखों लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और फिर सूर्यदेव को जल अर्पित करते हैं. इस दिन संगम तट पर गंगा यमुना और सरस्वती के संगम स्थल पर स्नान के लिए भारी भीड़ उमड़ती है.

मौनी अमावस्या व्रत और पूजा - Mauni Amavasya vrat and puja

मौनी अमावस्या पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत किया जाता है. मान्यता है कि जो जातक इस दिन पूरे दिन का मौन धारण करता है, उसे सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. इस दिन सूर्योदय से लेकर व्रत के उद्यापन तक जातक को मौन धारण करना होता है. मौनी अमावस्या पर अगर आप गंगा स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर में ही नहाने के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. इसके बाद सूर्यदेव को तिल मिला जल अर्पित करने से पितर शांत और प्रसन्न होते हैं. इस दिन मांसाहारी और तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए. इस दिन दान पुण्य करने से कई पीढ़ियों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

माना जाता है कि अमावस्या की सभी तिथियों में से मौनी अमावस्या को बेहद उत्तम माना गया है. इस खास अवसर पर मौन रहना शुभ होता है. मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना फलदायी होता है. इस दिन श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है  इसके अलावा दान भी किया जाता है. माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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