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Vikat Sankashti Chaturthi 2025: विकट संकष्टी चतुर्थी आज, जानें पूजा की विधि, शुभ मुहूर्त और उपाय

Vikat Sankashti Chaturthi 2025: विकट संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को प्रसन्न करने का विशेष दिन है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखने और सच्चे मन से गणेश भगवान की पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं विकट संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा की सही विधि और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है.

Vikat Sankashti Chaturthi 2025: विकट संकष्टी चतुर्थी आज, जानें पूजा की विधि, शुभ मुहूर्त और उपाय
Vikat Sankashti Chaturthi 2025: आइए जानते हैं विकट संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा की सही विधि, शुभ मुहूर्त और उपाय.

Vikat Sankashti Chaturthi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विकट संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. ये खास तिथि आज पड़ रही है. ऐसे में आज यानी बुधवार 16 अप्रैल को विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा. यह खास दिन भगवान गणेश को समर्पित है. मान्यताओं के अनुसार, विकट संकष्टी चतुर्थी पर विघ्नहर्ता गणेश जी की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सभी दुख, संकट और बाधाएं दूर होती हैं, कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होती है और भक्तों को ज्ञान, स्वास्थ्य और धन की प्राप्ति होती है. ऐसे में आइए जानते हैं विकट संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा की सही विधि, शुभ मुहूर्त और उपाय.

विकट संकष्टी चतुर्थी समय (Vikat Sankashti Chaturthi Time)

पंचांग के अनुसार, विकट संकष्टी चतुर्थी 16 अप्रैल, बुधवार को दोपहर 1:16 बजे से प्रारंभ होकर 17 अप्रैल, गुरुवार को दोपहर 3:23 बजे तक रहेगी. ऐसे में 16 अप्रैल को विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. ये व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए रखती हैं. 

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विकट संकष्टी चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त (Vikat Sankashti Chaturthi Shubh Muhurat)

पूजन का श्रेष्ठ समय सुबह 5 बजकर 55 मिनट से लेकर 9 बजकर 08 मिनट तक बताया जा रहा है. आज के दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं रहेगा. विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से लेकर 3 बजकर 21 मिनट तक और अमृत काल शाम 6 बजकर 20 मिनट से रात 8 बजकर 06 बजे तक रहेगा.

चंद्रोदय का समय (Vikat Sankashti Chaturthi Moon Rise Time)

विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पूरा माना जाता है. वहीं, चंद्रोदय का समय 10:00 बजे (स्थान अनुसार थोड़ा अलग हो सकता है) होगा. 

विकट संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि  (Vikat Sankashti Chaturthi Puja Vidhi)
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
  • इसके बाद व्रत का संकल्प लेकर गणेश जी की पूजा आरंभ करें.
  • पूजा करने से पहले पूजा स्थान को गंगा जल से साफ कर गणपति की प्रतिमा स्थापित करें.
  • विघ्नहर्ता को रोली, अक्षत, दूर्वा, लाल फूल, मोदक और धूप-दीप अर्पित करें.
  • 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करें.
  • संकटनाशन स्तोत्र या गणेश चालीसा का पाठ करें.
  • शाम को पुनः पूजा व आरती करें और चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करें.
विकट संकष्टी चतुर्थी के उपाय (Vikat Sankashti Chaturthi Upay)
  • विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा के दौरान गणपति बप्पा को दूर्वा चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गणेश जी को 21 दूर्वा चढ़ाने से  स्वास्थ्य लाभ होता है.
  • विकट संकष्टी चतुर्थी पर 'वक्रतुंड महाकाय' मंत्र का 108 बार जाप करें. मान्यता है कि ऐसा करने से कार्यों में सफलता मिलती है.
  • शाम को पूजा के समय गणेश जी के सामने दीपक जलाकर 'श्री गणेशाय नमः' मंत्र का सच्चे मन से जाप करें. माना जाता है ऐसा करने से आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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