Shri Mahakal Lok: महाकाल की नगरी उज्जैन में महाकाल लोक का भव्य लोकार्पण हो चुका है. उज्जैन का महाकाल मंदिर देश के सबसे प्रचीन मंदिरों में से एक है. महाकालेश्वर मंदिर के विसातार होने के बाद अब महाकाल लोक देवलोक जैसा नजर आएगा. बता दें कि महारकाल लोक परिसर में तकरीबन 200 मूर्तियां हैं. जिसकी भव्यता और दिव्यता का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. अगर आप भी महाकाल का दर्शन करने जा रहे हैं तो पहले जान में इस मंदिर से जुड़ी जरूरी बातें.
- महाकाल मंदिर में स्थापित ज्योतिर्लिंग दक्षिणमुखी है. मंदिर के गर्भगृह में माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिेकेय की मूर्तियां स्थापित हैं. इससे अलावा यहां गर्भगृह में नंदा दीप स्थापित है जो कि हमेशा जलता रहता है. गर्भगृह के ठीक सामने विशाल कक्ष में नंदी की प्रतिमा स्थापित है.
- धार्मिक मान्यता के अनुसार, उज्जैन के एक ही राजा हैं जिनका नाम महाकाल बाबा है. कहा जाता है कि विक्रमादित्य के शासन काल में यहां कोई भी राजा रात के समय नहीं रुकता था. कहा जाता है उस समय जो राजा यहां रुकने का दुस्साहस किया वह चारों तरफ से घिरकर मर गया.
- बाबा महाकाल की सवारी में कोई भी नशा करके शामिल नहीं होता है. महाशिवरात्रि के दिन पूरी महाकाल की नगरी शिवमय हो जाता है. धार्मिक मान्यता है कि उज्जैन के महाकाल सावन मास में सोमवारो नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं.
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के 3 भाग हैं. मंदिर के निचले हिस्से में महाकालेश्वर, मध्य में ओंकारेश्वर और सबसे ऊपरी हिस्से में नागचंद्रेश्वर विराजामान हैं. बता दें कि नागचंद्रेश्वर मंदिर साल में एक बार नाग पंचमी के दिन खुलता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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