Tulsi Vivah 2023: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को धार्मिक दृष्टि से बहुत ही पवित्र माना गया है. हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि में तुलसी का विवाह शालिग्राम से कराने की परंपरा है. द्वादशी तिथि के प्रदोष काल (Pradosh Kaal) में धूमधाम से तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप से करवाया जाता है. मान्यता है कि जो लोग तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) करवाते हैं उनको कन्यादान का पुण्य मिलता है. चलिए जानते हैं कि तुलसी विवाह करवाने पर जातक को कौन-कौनसे लाभ या फल मिलते हैं.
तुलसी विवाह करवाने पर मिलने वाले लाभ
तुलसी विवाह के दिन तुलसी माता का विवाह शालिग्राम से करवाया जाता है. इस विवाह में जातक तुलसी को अपनी कन्या मानकर विधिवत तरीके से उसका विवाह करवाता है और कन्यादान करता है. इससे जातक को कन्यादान का पुण्य फल मिलता है.
पति-पत्नी के बीच बढ़ता है प्रेममान्यता है कि तुलसी विवाह करवाने पर पति-पत्नी के बीच प्रेम और स्नेह बढ़ता है. इससे दांपत्य जीवन में खुशियां आती हैं और आपसी मनमुटाव और दूरियों में कमी आती है. इसलिए हर साल ढेर सारे लोग तुलसी विवाह संपन्न करवाते हैं.
सुहागिन स्त्रियों को मिलता है पुण्य फलतुलसी विवाह के समय तुलसी (Tulsi) को विवाहित महिला की तरह लाल चुनरी, लाल चूड़ियां, बिंदी, पायल, लाल वस्त्र आदि भेंट किए जाते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से विवाहित स्त्रियों के सौभाग्य में वृद्धि होती है.
जल्दी होता है विवाहकई बार बहुत से कारणों के चलते कुछ लोगों के विवाह में देरी हो जाती है. ऐसे में घर में तुलसी का विवाह करवाना चाहिए. जिस घर में तुलसी विवाह होता है वहां विवाह योग्य लोगों के विवाह के योग जल्दी बनते हैं.
सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्तिकहते हैं कि तुलसी विवाह करवाने पर जातक को घर परिवार में सुख शांति के साथ-साथ संपन्नता और वैभव की प्राप्ति होती है. जिस घर में तुलसी विवाह करवाया जाता है वहां कभी दरिद्रता नहीं आती और हमेशा भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की कृपा मिलती रहती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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