तिरुपति में छह दिनों तक श्रद्धालुओं के प्रवेश वाले को फैसले को बदल दिया गया है
तिरुपति:
तिरुमला पर्वत पर भगवान वेंकटेश्वर के विश्व विख्यात मंदिर के मैनेजमेंट ने 12 साल में एक बार होने वाले विशेष कर्मकांड के चलते 11 अगस्त से छह दिनों तक के लिए श्रद्धालुओं पर मंदिर प्रवेश पर पाबंदी लगाने के अपने फैसले को वापस ले लिया. अब कुछ हजार श्रद्धालुओं को रोजाना मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी.
तिरुपति में बिजनेसमैन ने चढ़ाए एक करोड़ रुपये, जानिए इस मंदिर की महिमा
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम्स (टीटीडी) बोर्ड के अध्यक्ष पी सुधाकर रेड्डी ने बताया कि बोर्ड को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चन्द्रबाबू ने सलाह दी थी कि संतुलन रखा जाए और परम्परा और श्रद्धालु प्रभावित न हों, इसे सुनिश्चित किया जाए.उनकी सलाह के बाद बोर्ड के 14 जुलाई के फैसले को बदल दिया गया.
नायडू ने ऐसे समय में हस्तक्षेप किया जबकि मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाने के टीटीडी के फैसले की आलोचना हो रही थी. इस मंदिर में पूरे देश से साल भर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. कुछ श्रद्धालुओं ने इस छह दिन की पाबंदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर किया था.
इससे पहले 14 जुलाई को टीटीडी बोर्ड की आपात बैठक में यह तय किया गया कि 11 से 16 अगस्त तक श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाए. यह पाबंदी आगामी 'अष्टबंधन बाल्यया महासम्प्रोषणम्' के कारण लगाई है.
इस कर्मकांड के तहत इस प्राचीन मंदिर के गर्भ गृह में शीर्ष पुजारी विभिन्न जड़ी बूटियों से तैयार लेप से छोटी दरारों और गड्ढों को भरते हैं. यह लेप सीमेंट मिले लेप से ज्यादा मजबूत बताया जाता है. मंदिर में इस काम को वेदपाठ के बीच किया जाता है.
तिरुपति बालाजी मंदिर ने बैंक में जमा कराया 2780 किलोग्राम सोना
तिरुमला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार सिंघल ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद उन्होंने इस कर्मकांड को सम्पन्न करने के दौरान निर्धारित समय के भीतर कुछ हजार श्रद्धालुओं को अनुमति देने का फैसला किया है.
मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि मध्य अगस्त के दौरान आम तौर पर रोजाना एक लाख श्रद्धालु भगवान के दर्शन करते हैं. ऐसे में कर्मकांड चलने के दौरान मंदिर प्रबंधन के लिए श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी भीड़ को संभालना संभव नहीं हो पाएगा.
टीटीडी बोर्ड की 24 जुलाई को एक बैठक होगी जिसमें यह तय होगा कि इस दौरन कितने श्रद्धालुओं को कितने समय के लिए मंदिर प्रवेश की अनुमति दी जाए.
तिरुपति में बिजनेसमैन ने चढ़ाए एक करोड़ रुपये, जानिए इस मंदिर की महिमा
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम्स (टीटीडी) बोर्ड के अध्यक्ष पी सुधाकर रेड्डी ने बताया कि बोर्ड को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चन्द्रबाबू ने सलाह दी थी कि संतुलन रखा जाए और परम्परा और श्रद्धालु प्रभावित न हों, इसे सुनिश्चित किया जाए.उनकी सलाह के बाद बोर्ड के 14 जुलाई के फैसले को बदल दिया गया.
नायडू ने ऐसे समय में हस्तक्षेप किया जबकि मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाने के टीटीडी के फैसले की आलोचना हो रही थी. इस मंदिर में पूरे देश से साल भर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. कुछ श्रद्धालुओं ने इस छह दिन की पाबंदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर किया था.
इससे पहले 14 जुलाई को टीटीडी बोर्ड की आपात बैठक में यह तय किया गया कि 11 से 16 अगस्त तक श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाए. यह पाबंदी आगामी 'अष्टबंधन बाल्यया महासम्प्रोषणम्' के कारण लगाई है.
इस कर्मकांड के तहत इस प्राचीन मंदिर के गर्भ गृह में शीर्ष पुजारी विभिन्न जड़ी बूटियों से तैयार लेप से छोटी दरारों और गड्ढों को भरते हैं. यह लेप सीमेंट मिले लेप से ज्यादा मजबूत बताया जाता है. मंदिर में इस काम को वेदपाठ के बीच किया जाता है.
तिरुपति बालाजी मंदिर ने बैंक में जमा कराया 2780 किलोग्राम सोना
तिरुमला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार सिंघल ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद उन्होंने इस कर्मकांड को सम्पन्न करने के दौरान निर्धारित समय के भीतर कुछ हजार श्रद्धालुओं को अनुमति देने का फैसला किया है.
मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि मध्य अगस्त के दौरान आम तौर पर रोजाना एक लाख श्रद्धालु भगवान के दर्शन करते हैं. ऐसे में कर्मकांड चलने के दौरान मंदिर प्रबंधन के लिए श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी भीड़ को संभालना संभव नहीं हो पाएगा.
टीटीडी बोर्ड की 24 जुलाई को एक बैठक होगी जिसमें यह तय होगा कि इस दौरन कितने श्रद्धालुओं को कितने समय के लिए मंदिर प्रवेश की अनुमति दी जाए.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं