भारतीय वास्तुशास्त्र के कुछ चुनींदा टिप्स जिनसे जीवन हो सकता खुशहाल

भारतीय वास्तुशास्त्र के कुछ चुनींदा टिप्स जिनसे जीवन हो सकता खुशहाल

आम हो या ख़ास इंसान, सब यही सोचते हैं, कि उनके खानदान-परिवार में किसी को भी कोई चीज की कमी नहीं हो. कई लोग केवल सोचते ही नहीं बल्कि यह लक्ष्य पाने के लिए काफी प्रयास भी करते हैं.
 
मसलन एक वेतनभोगी व्यक्ति दिन-रात कड़ी मेहनत करता है, ताकि उसकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सके. इसी प्रकार एक व्यापारी अपने कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए कई काम करता है. लेकिन यह भी देखने में आया है कि इंसान द्वारा पूरी मशक्कत करने के बाद भी वह सफलता नहीं मिलती है, जो उसे अपेक्षित थी.
 
भारतीय वास्तुशास्त्र में इसके लिए कई उपाय बताए गए हैं. प्रस्तुत है कुछ ऐसे वास्तु टिप्स जिनकी मदद से जीवन को खुशहाल बनाने में मदद मिल सकती है:
 

  • जिस बर्तन या पात्र में दूध रखा हो, उसे कभी कभी भी खुला न रखें. यदि दूध गर्म हो तब उसे किसी जाली या साफ़ कपडे से ढंक दें, लेकिन खुला न छोड़ें.
  • घर में कैक्टस या कांटेदार पौधे न लगायें. इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो शुभ परिणाम लाने में रुकावट बन जाता है.
  • खाना खाने से पूर्व सदैव/प्रतिदिन गाय को भोजन करवाना चाहिए. केवल भारतीय वास्तुशास्त्र ही नहीं प्रायः सभी हिन्दू धर्मग्रंथों में इसकी काफी महिमा बताई गई है. कहते हैं, ऐसा करने से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक रहता है और धन-दौलत संबंधी मामले की चिंता नहीं करनी पड़ती है.
  • घर में पूजा करते समय भगवान पर अर्पित फूल पूरा समय जहां चढ़ाया हो, उसे वहीं यानी एक ही जगह पर नहीं रहने देनी चाहिए. यह घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है, इसलिए सुबह चढ़ाए गए फूलों को संध्या में मंदिर से हटा देना चाहिए.
  • घर में यदि तिजोरी है तो उसके समीप, और रसोईघर में, जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिए. भारतीय वास्तुशास्त्र में यह शुभ नहीं नहीं माना गया है, क्योंकि तिजोरी में धनलक्ष्मी और रसोई में अन्नपूर्णा लक्ष्मी का वास माना गया है.

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