Shukra Pradosh Vrat 2022: हर महीने की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव की पूजा के लिए खास होती है. आश्विन मास का पहला शुक्र प्रदोष व्रत (Shukra Pradosh Vrat) आज रखा जा रहा है. धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा-अर्चना करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. वहीं शुक्र प्रदोष व्रत रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है, ऐसी धार्मिक मान्यता है. शुक्र प्रदोष व्रत में भगवान शिव के साथ मां पर्वती की पूजा का भी विधान है. ऐसे में जानते हैं शुक्र प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat Puja Muhurat) के लिए शुभ मुहूर्त, पूजा की विधि और इस दिन क्या करना अच्छा रहता है.
शुक्र प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त | Shukra Pradosh Vrat Shubh Muhrurat
आश्विन मास का शुक्र प्रदोष व्रत आज है. त्रयोदशी तिथि में शुक्र प्रदोष की पूजा करने का विधान शास्त्रों में बताया गया है. पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि की शुरुआत सुबह 7 बजकर 26 मिनट से हो गई है. वहीं त्रयोदशी तिथि की समाप्ति 8 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 24 मिनट पर होगी. प्रदोष काल की पूजा का मुहूर्त शाम 6 बजकर 07 मिनट से रात 8 बजकर 28 मिनट तक है.
कैसे करें शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा | Shukra Pradosh Vrat Puja Vidhi
प्रदोष काल में स्नान करके भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का संकल्प लें. शाम के समय प्रदोष काल में सबसे पहले शिवजी का जल से अभिषेक करें. इसके बाद भगवान शिव को गंगाजल, दूध, घी, शक्कर, सफेद चंदन, अक्षत, फूल, बेलपत्र, धतूरा इत्यादि अर्पित करें. इससे साथ ही शिवजी को शमी का पत्ता चढ़ाएं. इसके बाद ओम् नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें. पूजन के अंत में शिवजी और माता पार्वती की आरती करें.
प्रदोष व्रत के दिन क्या करें और क्या नहीं | Shukra Pradosh Vrat Dos and Donts
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत की पूजा में काले रंग का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. ऐसे में पूजन के दौरान इस रंग के वस्त्र ना पहनें. साथ ही अगर आप प्रदोष व्रत रखें हैं तो इस दिन कोई भी बुरे काम ना करें. धर्म ग्रंथों के मुताबिक शिव जी की पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. ऐसे में इस बात का विशेष ध्यान रखें. प्रदोष व्रत के दिन शिवजी को नारियल चढ़ाना अच्छा होता है. ऐसे में शिव जी को नारियल चढ़ाते वक्त इस बात का खास ख्याल रखें कि नारियल में पानी भरा ना हो. शिवलिंग पर नारियल का जल नहीं चढ़ाया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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