
Holi pujan shubh muhurat 2025: होली के त्योहार (Holi) का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, यह खुशियों और रंगों का पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा (Purnima) को मनाया जाता है. परंपरागत रूप से होली की पूजा हमेशा शुभ मुहूर्त (Holi pujan shubh muhurt) में ही करनी चाहिए. इस साल होली 13 मार्च को मनाई जाएगी, लेकिन इस दिन भद्रा का साया है. इसलिए हम आपको इस खबर में बताएंगे कि होलिका दहन का सही समय क्या है.
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होलिका दहन का शुभ मुहूर्त (Auspicious time of Holi Puja)
• इस साल होली 13 मार्च को मनाई जाएगी. लेकिन अबकी बार की होली पर भद्रा का साया है.
• विशेषज्ञों के अनुसार पूर्णिमा की तिथि सुबह 10.35 पर प्रारंभ होगी.सुबह 10.36 बजे से भद्रा भी प्रारंभ हो जाएगी, जो रात के 11.31 बजे तक बनी रहेगी.
• भद्रा पक्ष होने के कारण होली पूजन और होलिका दहन के कार्यक्रम का शुभ समय रात के 11.32 से प्रारंभ होकर रात्रि के 12.31 बजे तक रहेगा.
क्यों किया जाता है होलिका दहन? (Why is Holika burnt?)
• अबीर, गुलाल और रंग खेलने के एक दिन पहले होलिका दहन किया किया जाता. इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है.
• होलिका दहन के लिए लकड़ियों और अलावा को इकट्ठा करके जलाया जाता है.
• होलिका जलाने के बाद उत्तर भारत के गांवों में आज भी लोग फाग के गीत गाते हैं.
• होलिका दहन करने से पहले पूरे रीति रिवाज के साथ उसकी पूजा की जाती है.
• होली के त्यौहार का वर्णन धर्मग्रंथों में भी मिलता है इसलिए इसे वैदिक त्यौहार भी कहा जाता है.
क्या हैं धार्मिक मान्यताएं (What are the religious beliefs )
• धार्मिक मान्यता भक्त प्रह्लाद और हिरण्यकश्यप से जुड़ी है.
• जिसमें हिरण्यकश्यप की बहन होलिका भक्त प्रह्लाद को जलाने की कोशिश करती हैं जिसमें भगवान विष्णु नरसिंह का रूप लेकर प्रह्लाद की रक्षा करते हैं.
• यह कथा भक्त में भगवान के विश्वास को और मजबूत करती है. जिससे लोक जीवन में विश्वास और समरसता का विकास होता है.
रंग और गुलाल (Playing with colours and gulal)
• होली को रंगों का त्योहार भी कहा जाता है. रात में होली जलाने के बाद सुबह रंग और गुलाल से होली खेली जाती है.
• गुलाल और रंग लगाकर एक दूसरे गले मिला जाता है और सारे गिले शिकवों को दूर किया जाता है.
• होली आपसी भाईचारा और सद्भाव का भी त्यौहार जो समाज में समरसता को भी बढ़ावा देता है.
• भारत के कईं भागों में होली का सिलसिला चैत्र कृष्ण पंचमी से रंगपंचमी तक चलता है।
होली खेलते समय रखें इन बातों का ध्यान (Keep these things in mind while playing Holi)
• होली खेलने में हमें अच्छी क्वालिटी के रंगों और गुलालों का उपयोग करना चाहिए
• हमें खराब रंगों और गुलालों से परहेज करना चाहिए. जिससे किसी के स्किन को नुकसान न पहुंचें
• होली खेलते समय आंखों और बालों का खास ख्याल करना चाहिए.
• होली खेलने में हमें ज्यादा पानी के उपयोग से बचना चाहिए क्योंकि ज्यादा पानी के उपयोग किसी की तबीयत खराब हो सकती है.
• होली के त्यौहार को मिलजुल खेलना चाहिए और आपसी सौहार्द को बनाकर रखना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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