विज्ञापन
This Article is From Aug 23, 2022

Shradh Dates 2022: पितृ पक्ष कब से है, यहां जानें सितंबर में कब से शुरू होंगे श्राद्ध

Shradh Dates 2022: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्व है. यह हर साल भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से शुरू होकर अमावस्या तिथि तक चलती है. आइए जानते हैं कि श्राद्ध यानी पितृ पक्ष 2022 में कब से कब तक है.

Shradh Dates 2022: पितृ पक्ष कब से है, यहां जानें सितंबर में कब से शुरू होंगे श्राद्ध
Shradh Dates 2022: पितृ पक्ष में पूर्वजों के निमित्त तर्पण किया जाता है.

Shradh Dates 2022: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2022) भाद्रपद मास की पूर्णिमा (Purnima) से शुरू होकर आश्विन मास की अमावस्या (Amavasya) तक चलता है. इस दौरान पूर्वजों के निमित्त तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध किए जाते हैं. पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के श्राद्ध (Shradh) के दिन पितरों के निमित्त तर्पण के बाद कौवा को भोजन कराया जाता है. मान्यता है कि कौवा के माध्यम से पितरों तक यह भोजन पहुंच जाता है. एक अन्य मान्यता के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज कौवा से रूप में पृथ्वी पर आते हैं. अगर आप भी पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त पिंडदान, तर्पण या श्राद्ध करने का विचार कर रहे हैं, तो चलिए जानते हैं इसकी तारीख.

पितृ पक्ष की तारीख और समय | Pitru Paksha 2022 Date and Time

हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष हर साल भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से शुरू होकर आश्विन मास की अमावस्या तिथि तक चलता है. इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 10 सितंबर, 2022 शनिवार से हो रही है. वहीं पितृ पक्ष की समाप्ति 25 सितंबर 2022 को होगी.

lvlrq48g

Pradosh Vrat 2022: भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा इस दिन, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

श्राद्धि की तिथियां | Pitru Paksha 2022 Shradh Dates

  • श्राद्ध 2022 प्रारंभ- 10 सितंबर 2022, शनिवार
  • श्राद्ध 2022 समाप्त- 25 सितंबर 2022, रविवार

पितृ पक्ष का महत्व | Pitru Paksha 2022 Significance

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों की पूजा-अर्चना करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. पितृपक्ष को सोलह श्राद्ध, महालयपक्ष या अपर पक्ष के नाम से भी जाना जाता है. पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध के दिन अपने पूर्वजों का तर्पण करने के बाद ब्राह्मण या जरूरतमंद लोगों को भोजन कराया जाता है. उसके बाद उन्हें दक्षिणा देकर विदा किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृपक्ष शुरू होते ही सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश कर जाते हैं. कहा जाता है कि इस अवधि में पूरी श्रद्धा के साथ पितरों को याद करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. साथ ही उन्हें स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है. हिंदू धार्म की मान्यताओं के अनुसार, पूर्वजों के प्रसन्न होने पर देवता भी खुश होते हैं. जिसके जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं और घर-परिवार में खुशहाली का आगमन होता है.

Shani Amavasya 2022 Date: शनि अमावस्या 27 अगस्त को, बनेंगे ये 2 दुर्लभ योग, जानें क्या करना रहेगा अच्छा

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

मॉनसून स्किन केयर टिप्स बता रही हैं ब्यूटी एक्सपर्ट भारती तनेजा

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com