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This Article is From Aug 23, 2022

Pradosh Vrat 2022: भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा इस दिन, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Pradosh Vrat 2022: भाद्रपद मास का प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए खास माना जाता है. भाद्रपद मास का पहला प्रदोष व्रत 24 जुलाई, बुधवार को रखा जाएगा.

Pradosh Vrat 2022: भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा इस दिन, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Pradosh Vrat 2022: भाद्रपद मास का प्रदोष व्रत इस दिन है.

Pradosh Vrat 2022 Date and Puja Vidhi: हिंदू पंचांग के मुताबिक हर महीने की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित होती है. इस दिन प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) रखा जाता है. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 अगस्त, 2022 को पड़ रही है. यह अगस्त का आखिरी और भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत होगा. प्रदोष व्रत बुधवार को पड़ने के कारण यह बुध प्रदोष व्रत (Budh Pradosh Vrat) होगा. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और गणपति जी की पूजा करने से जीवन की मुश्कलें खत्म हो जाती हैं. आइए जानते हैं प्रदोष व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के के बारे में. 

प्रदोष व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त | Pradosh Vrat Date and Shubh Muhurat

भाद्रपद मास का प्रदोष व्रत 24 अगस्त, बुधवार को पड़ रहा है. त्रयोदशी तिथि का आरंभ 24 अगस्त, 2022 को सुबह 8 बजकर 30 मिनट से शुरू हो रहा है. जो कि अगले दिन यानी 25 अगस्त को सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक रहेगा. ऐसे में त्रयोदशी तिथि में प्रदोष व्रत की पूजा 24 अगस्त को होगी और व्रत भी इसी दिन रखा जाएगा. प्रदोष व्रत के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 52 मिनट से रात 9 बजकर 04 मिनट तक है.

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प्रदोष व्रत पूजा विधि | Pradosh Vrat Puja Vidhi

धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक भगवान शिव की पूजा की जाती है. ऐसे में इस दिन सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें. पूजा के दौरान लाल या गुलाबी रंग का वस्त्र पहनना शुभ होता है. इस दिन तांबे या चांदी के लोटे से शुद्ध शहद एक धार के साथ शिवलिंग पर श्रद्धापूर्वक अर्पित करना चाहिए. इसके साथ ही शुद्ध जल से शिविलिंग का अभिषेक करना चाहिए. इस दौरान "ॐ सर्वसिद्धि प्रदाये नमः" इस मंत्र का जाप करना शुभ होता है. इसके साथ ही भगवान को फूल, मिठाई और फल अर्पित करें. प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें. साथ ही शिव चालीसा का भी पाठ करें. इसके अलावा इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी शुभ होता है. 

प्रदोष व्रत का महत्व | Significance of Pradosh Vrat 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा का विधान है. इस दिन विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से रोग, ग्रह दोष और कष्ट दूर हो जाते हैं. विवाहित लोग संतान प्राप्ति के लिए भी प्रदोष व्रत रखते हैं. माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा से धन, धान्य और सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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