भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है तिरुपति बालाजी मंदिर. यहां बड़े-बड़े उद्योगपति, फिल्मी सितारे और राजनेता दर्शन के लिए पहुंचते हैं. तिरुपति महाराज जी के दरबार में अमीर और गरीब दोनों जाते हैं. हर साल लाखों लोग तिरुमाला की पहाडिय़ों पर उनके दर्शन करने आते हैं. तिरुपति के इतने प्रचलित होने के पीछे कई कथाएं और मान्यताएं हैं. इस मंदिर से बहुत सारी मान्यताएं जुड़ी हैं. चलिए एक नजर ड़ालते हैं उन मान्यताओं पर-
- माना जाता है कि तिरुपति बालाजी अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में रहते हैं.
- तिरुपति बालाजी मंदिर के मुख्य दरवाजे के दाईं ओर एक छड़ी है. कहा जाता है कि इसी छड़ी से बालाजी की बाल रूप में पिटाई हुई थी, जिसके चलते उनकी ठोड़ी पर चोट आई थी.
- मान्यता है कि बालरूप में एक बार बालाजी को ठोड़ी से रक्त आया था. इसके बाद से ही बालाजी की प्रतीमा की ठोड़ी पर चंदन लगाने का चलन शुरू हुआ.
- कहते हैं कि बालाजी के सिर रेशमी बाल हैं और उनके रेशमी बाल कभी उलझते नहीं.
- कहते हैं कि तिरुपति बालाजी मंदिर से करीब करीब 23 किलोमीटर दूर एक से लाए गए फूल भगवान को चढ़ाए जाते हैं. इतना ही नहीं वहीं से भगवान को चढ़ाई जाने वाली दूसरी वस्तुएं भी आती हैं. लोग कहते हैं कि उस गाव में किसी बाहरी शख्स का जाना मना है, क्योंकि वहां कि औरतें ब्लाउज नहीं पहनती.
- हैरानी की बात तो यह है कि वास्तव में बालाजी महाराज मंदिर में दाएं कोने में खड़े हैं, लेकिन उन्हें देख कर ऐसा लगता है मानों वे गर्भगृह के मध्य भाग में खड़े हों.
- तिरुपति बालाजी मंदिर में बालाजी महाराज को रोजाना धोती और साड़ी से सजाया जाता है.
- कहते हैं कि बालाजी महाराज की मूर्ती की पीठ पर कान लगाकर सुनने से समुद्र घोष सुनाई देता है और उनकी पीठ को चाहे जितनी बार भी क्यों न साफ कर लिया जाए वहां बार बार गीलापन आ जाता है.
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